गृह उद्योग द्वारा उद्यमिता आओर सफलताक संभावना :: अमरनाथ मिश्र

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मधुबनी जिलाक राजनगर प्रखंडक प्रसिद्ध गाम भटसिमरि (उत्तरवारि) टोलक श्री बच्चा मिश्रक सुपुत्र अमरनाथ मिश्रक प्रारंभिक शिक्षा गामहि मे भेलन्हि। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालयक सीएम काँलेज सँ स्नातक (प्रतिष्ठा) प्राप्त केलाक बाद आजिबिका हेतु दिल्लीक संस्थान National Institute of Sales (NIS) सँ (Sales & Marketing) बिक्री-विपनन क्षेत्रमे डिप्लोमा कय एहि पेशामे नौकरी शुरू कयलनि। एहि क्रममे देशक अनेको प्राँतमे हिनका घुमबाक अवसर भेटलनि। बाजार भ्रमणक क्रममे देश-विदेशक वस्तु देखबामे अबैत छलन्हि, मुदा मिथिलाक पारम्परिक व्यंजन, अचार, सातु इत्यादि सभक अनुपलब्धता देखि हिनका बेर-बेर मिथिलाक खान-पानक वस्तुमे स्वावलंबन आ रोजगारक संभावना देखाइत छलन्हि। हिनका मोनमे विचार अबैत छलन्हि जखन बर्गर-पिज्जा, इडली-डोसा, ढ़ोकला-ठेपला, चाउमीन-मोमोज इत्यादि अन्य प्रदेशक खान-पानक वस्तु यदि हमरा लोकनिक चिनबार तक आबि सकैयै आओर हम सभ रुचि पुर्वक उपभोग करैत छी। एहेन स्थितिमे हमरा लोकनिक सांस्कृतिक-पारंपरिक खाद्य पदार्थ अन्य प्रान्तक लोक सभ उपभोग करथि ताहि लेल एहि वस्तु सभकेँ बजार तक अनबाक विचार बेर-बेर अबैत रहैत छलन्हि। नौकरीक संग एहि काज केँ करबाक अवसर हिनका 2014 मे भेटलनि आओर स्वावलंबनक हेतु काज केनाई शुरू कयलनि। मिथिलाक घरेलू सामग्रीक व्यावसायिक उत्पादन आ एकटा लघु उद्योगक रूपमे एकर सर्वप्रथम परिकल्पना केनिहार मिथिला गृह उद्योगक संस्थापक अमरनाथ मिश्र जी सँ विस्तार पुर्वक गप-सप पत्रकार मणिभूषण राजू केलन्हि। एहि वार्तालापक अंश एहिठाम प्रस्तुत अछि । – मैथिल मंच

मणि : मिथिलामे उद्यमिता सँ बेसी नौकरी करबाक तरफ लोक बेसी आकर्षित रहैत छथि, एहेन मे अपनेक मोनमे गृह उद्योगक विचार कोना आयल?

उत्तर : स्नातक (प्रतिष्ठा) केँ बाद NIS सँ डिप्लोमा कय FMCG सेक्टरमे कार्यरत भेलहुँ। एहि दरम्यान बाजार मे विभिन्न प्रांतक विविध भोजन सामिग्री (Food Products) देखबा मे अबैत छल मुदा अपना गामक सांस्कृतिक व्यंजन नहि देखाइत छल। यदाकदा मिथिलाक पारंपरिक व्यंजन, स्वादिष्ठ पकवान, प्राकृतिक अँचार आओर विविध भोज्य पदार्थ एहि बजार तक अनबाक विचार मोनमे उठैत रहैत छल। हम मोनहि-मोन सोचैत रहैत छलहुँ जे यदि भविष्यमे मौका भेटत तऽ एहि क्षेत्रमे रोजगार लेल काज करब। संयोगवश 2014 मे हमरा अवसर भेटल आओर हम मिथिला गृह उद्योग लेल काज शुरु कयलहुँ।

मणि : मिथिला गृह उद्योगक स्थापना आओर एकर विस्तार केँ संदर्भमे किछु कहु।

उत्तर : मिथिला गृह उद्योगक स्थापना 06 अक्टुबर 2014 मे शिशिर नवरात्रि मे भेलै, मुदा फूड लाइसेंस अप्रैल 2016 मे प्राप्त भेल। तकर बाद हम एहि कार्य केँ आगाँ बढ़ेबाक हेतु निरंतर प्रयासरत रहैत छी। एखन तक हमर व्यक्तिगत अनुभव बहुत संतोषजनक अछि। हमरा अपना समाजक अधिकांश प्रबुद्ध लोक सभसँ प्रोत्साहन भेटैत आबि रहल अछि जकरा बदौलत मिथिला गृह उद्योगक उपभोक्ताक संख्यामे दिनानुदिन अभिवृद्धि भऽ रहलैयै आओर हमहुँ उत्साहित छी। किछु अपवादे सन हेताह जिनका हमर प्रयास नीक नहि लगैत छन्हि।

मणि : आहाँक मुख्य फोकस कोन तरहक खाद्य सामग्री पर रहल अछि। मिथिलाक पारंपरिक विधि सँ बनाओल अचार सँ आहाँक नाम चलैत अछि। लोक कहय छथि विशुद्ध गामक अचारक स्वाद आ शुद्धता रहैत अछि ?

उत्तर : मुख्य रूप सँ मिथिलाक पारंपरिक व्यंजन, भोज्य पदार्थ, रौदमे बनल प्राकृतिक अँचार पर खास कऽ ध्यान केन्द्रित अछि। सम्पूर्ण प्राकृतिक संसाधनक उपयोग सँ शुचिता आ गुणवत्तापूर्ण वस्तु उपलब्ध करब हमर प्रमुख उद्देश्य अछि। एहि लेल हम वातावरण मे उपलब्ध प्राकृतिक संसाधन पर निर्भर छी आओर क्षमताक हिसाबसँ क्रमबद्ध अग्रसर छी। हम जल्दीबाजी मे हम विश्वास नहि रखैत छी, धीरे-धीरे क्रमबद्ध तरीका सँ अग्रसर छी। मिथिला गृह उद्योग क्रमश: बढ़ि रहलैयै।

मणि : मिथिला सँ कच्चा माल आओर मजदूर सभ कारोबारी चाहैत छथि मुदा कारोबार बाहर करय चाहैत छथि। मिथिला गृह उद्योगक की योजना अछि ?

उत्तर : मिथिला गृह उद्योगक सभ वस्तु बनेबाक लेल काँच वस्तु मिथिलामे उपलब्ध अछि। हमर परिकल्पना ग्रामीण स्तर पर स्वरोजगारक अछि जाहिमे महिला वर्गक योगदान पर ध्यान केंद्रित अछि। आबय बला समय मे गामे-गाम स्वयं सहायता समूहक माध्यम सँ गृह उद्योग स्थापित करबाक विचार अछि। एहिमे सफलता-असफलता भविष्यक गर्भमे छैक, परिस्थिति आ समय एला पर विवेचना विमर्श करब। गामक एकटा बड्ड बैघ विडम्बना अछि जे गामक मजदूर गाममे मजदूरी लेलाक बाबजूद उचित मेहनत सँ काज नहि करैत छैक।

मणि : नीतीश जी पछिला बेर दिल्लीमे बिहारक लघु उद्योग, विशेषकऽ मिथिलाक चर्चा कयने छलथि। सरकार सँ केहन सहयोग भेट रहल अछि?

उत्तर : हमरा एखन तक सरकारी योजनाक कोनो लाभ नहि भेट रहल अछि। तकर कारण अछि आफिसक टेबुले-टेबुल चक्कर काटय सँ नीक ओहि समय केँ मिथिला गृह उद्योग लेल सश्रम सिंचित कय आगाँ बढ़ाबी आओर प्लेटफार्म तैयार भेलाक बाद सरकारी तंत्रमे प्रयास करब।

मणि  : मिथिला गृह उद्योगक उत्पादक ब्रांडिंग एखन धरि नीक सँ नहि भेल अछि एहि विषय पर की कहब अछि ?

उत्तर : ब्राँडिंग भऽ रहलैए रहलैयै बेसी तेज दौरलासँ ठेस लगबाक खतरा सेहो रहैत छैक। हम अपन क्षमतानुसार प्रगति केर बाट पर अग्रसर छी।

मणि : की हमसब आबयवला समयमे मिथिला गृह उद्योगक उत्पाद देशभरि मे देखि सकय छी?

उत्तर : हम वर्तमान स्थिति केँ अवलोकन करैत नीक भविष्य हेतु आशान्वित छी। बाँकि आहाँ सभक सहयोग आ प्रोत्साहन बाट मजगुत करबामे सहायक सिद्ध होयत जे अपने सभसँ अपेक्षित अछि।

मणि  : अपन परिकल्पनाक अनुपूर्ति लेल आहाँक मेहनत आओर समर्पण किनको सँ नुकायल नहि अछि। प्रवासी मैथिल समाज सँ की आग्रह करै चाहब। अपने आजुक नव पीढ़ी केँ की संदेश देबय चाहब।

उत्तर : लगन आओर श्रमसँ गुणवत्तापूर्ण काज करबाक हेतु प्रेरित करबनि। एहि तरहे अपन लक्ष्य तक कम पूंजी निवेश सँ कदाचित आगाँ बढ़ल जा सकैए। एखन एहि क्षेत्र मे काज करबाक अपार संभावना छैक। जेनाँकि कृषि पर आधारित काज मे हमरा लोकनि लगन आ मेहनति सँ एकटा सामाजिक बदलाव आओर आर्थिक संपन्नता आनि सकैत छी से संभव छैक। बाजार बहुत पैघ छै, एखन एक समान काज केलाक बाबजूद नीक सफलता भेटि सकैए। नव युवा सभकेँ स्वरोजगार बाट अपनेबाक हेतु आग्रह करबनि। यदि हमरा सँ किनको कोनो विचार करबाक इच्छा हेतनि तऽ हम सहजता सँ उपलब्ध छी आ सदिखन रहब।प्रवासी मैथिल समाज सँ आग्रह करबैन जे पलायन वीरान होइत मिथिलाक पौराणिक सभ्यता-संस्कृति केँ पुन: स्थापित करबामे अपना स्तर पर अपन योगदान करथि।

मणि : बहुत बहुत धन्यवाद।

मिथिला गृह उद्योग द्वारा उत्पादित किछु चीजक जानकारी एहि प्रकारे अछि :
(विस्तृत जानकारीक लेल www.mithilagrihudyog.com पर जाऊ)

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