खण्डवला वंश :
१५७७ सँ १९४७- खंडवला राजवंश
राजा महेश ठकुर
राजा गोपाल ठाकुर – ओ राजा महेश ठाकुर ज्येष्ठ पुत्र छलाह । हुनक अचानक मृत्यु भऽ गेलनि आ । ओ बड़ कम्मे दिन शासन केलाह ।
राजा परमानंद ठाकुर – ओ राजा महेश ठाकुरक दोसर पुत्र छलाह । ओहो कम्मे दिन शासन केलनि ।
राजा शुभंकर ठाकुर (१६०७ मे मृत्यु ) – ओ राजा महेश ठाकुरक पाँचम पुत्र छलाह ।
राजा पुरुषोत्तम ठाकुर (१६०७-१६२३) – ओ राजा शुभंकर ठाकुरक पुत्र छलाह । ओ १६२३ मे मारल गेलाह ।
राजा नारायण ठाकुर (१६२३-१६४२)
राजा सुंदर ठाकुर (१६४२-१६६२)
राजा महिनाथ ठाकुर (१६६२-१६८४)
राजा निरपत ठाकुर- (१६८४-१७०० ई० धरि) – ओ अपन राजधानी राजग्राम सँ दरभंगा अनलनि । भारतक आजादी धरि दरभंगा हुनका लोकनिक शक्तिक केन्द्र बनल रहल ।
राजा रघु सिंह (१७००-१७३६) – राजा रघु सिंह दरभंगा आ मुज्जफ्फरपुर सहित पूरा सरकार तिरहुतक लीज १,००,००० टाका वार्षिक पर प्राप्त केलनि, जे ओहि समय मे एकटा पैघ रकम छल ।
राजा विष्णु सिंह (१७३६-१७४०)
राजा नरेन्द्र सिंह (१७४०-६०)
राजा प्रताप सिंह (१७६०-१७७६)
राजा माधो सिंह (१७७६-१८०८)
महाराजा छत्र सिंह बहादुर (१८०८-३९)
महाराजा रुद्र सिंह बहादुर (१८३९-५०)
महाराजा महेश्वर सिंह बहादुर (१८५०-६०)
महाराजा लक्ष्मीश्वर सिंह बहादुर (१८६०-९८)
महाराजा रमेश्वर सिंह बहादुर (१८९८-१९२९)
महाराजा कामेश्वर सिंह बहादुर (१९२९-१९४७) – १५ अगस्त १९४७ भारतक आजादी धरि, जहन सभटा राज्य भारतीय संघ मे शामिल भऽ गेल ।