मिथिला क भौर ( राजग्राम ) क म . म . कृष्ण सिंह ठाकुर , जन्म : २०-०१ -१८४८ आ मृत्यु १० . १०. १९२१ . धर्मशास्त्र , न्याय , वेदांत आ पूर्व मीमांसा क विद्वान . १८९० मे महामहोपाधयाय क उपाधि . ई खण्डवला कुल के अंतिम महामहोपाध्याय छलाह . न्यायशास्त्र क अध्ययन लेल ठाढ़ी क पंडित विश्वनाथ झा से शिक्षा ग्रहण केला जे महाराज महेश्वर सिंह क दरवार मे सम्मानित विद्वान मे से एक छलाह . बाद क शिक्षा काशी मे गुरु राजाराम शास्त्री . दझिण भारत क ट्रावनकोर ( त्रिवेन्दम ) मे रामराजा क आश्रित विद्वान पंडित हरिदीक्षित से ” मत्स्यमांस के भक्ष्याभक्ष्य ” विषय पर शाश्त्रार्थ क परास्त केलैथ आ पुरुस्कार स्वरुप ४०००० रु प्राप्त . आर्य समाज क संस्थापक स्वामी दयानन्द सरस्वती से बनैली चम्पानगर मे शास्त्रार्थ आ मूर्तिविरोधी सरस्वती के निरुत्तर कायल . अहि शास्त्रार्थ क चर्चा डा . विधाता मिश्र करैत लिखलैथ जे ” अद्भुत शास्त्रार्थी आसीत . स्वामीदयानन्दसरस्वतीमहोदये
खण्डवलाकुलदीपिका , कामाख्यस्त्रोत्रम , गंगाश्रीलाहरी , अमरनाथशतक आदि पुस्तक प्रकाशित .
व्याकरण केसरी आ भारतधर्म महामण्डल से धर्मधुरीण क उपाधि से सम्मानित . हिनक सहपाठी मित्र छलाह म . म . चित्रधर मिश्र , म . म . बालशास्त्री , कविवर हर्षनाथ झा , पं . जनार्दन झा . शिष्य : म . म . अयोध्यानाथ मिश्र , चनौर , हैंठीवाली क पं . बटेकृष्ण झा , हनुमाननगर क पं . महेश झा , उजान क पं शशिनाथ झा , महरैल क गौरीनाथ झा , गंगौली क पं महेश झा . गुरु मे पचlढ़ी के विद्वान हरि मिश्र , प्रसिद्ध वैयाकरण पं भैयो झा वलाट राघोपुर . लोहना स्थित महेश्वर लता संस्कृत विद्यापीठ क प्रधानाचार्य रहलाह .
प्रातः स्मरणीय म . म . कृष्णसिंह ठाकुर क शत शत नमन आ तर्पण .🙏🙏
रमण दत्त झा
दरभंगा