मिथिला विभूति : महाकवि लाल दास
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जन्म :09-02-1856
मृत्यु :1921
जन्म स्थान :खड़ौआ , मधुबनी , मिथिला
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एक झलक :
१.कुशाग्र बुद्धि | संस्कृत , हिन्दी , मैथिली , फारसी क नीक जानकार |
२. राज दरभंगाक पेशकार , महारानी साहिबा क ड्योढी क
सुपरिन्डेन्टेन्ट |
३. मात्र 22 बरख केर उम्रहिं सँ साहित्य श्रृजन आरम्भ कयलाह |
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कृतित्व : 20 टा सँ अधिक पोथी लिखलाह | हिनक किछु मैथिली रचना :
१.सांग सप्तसती ( टीका )
२.चन्डी चरित्र सप्तसती
३. स्त्री शिक्षा ( चारि खंड मे )
सत्य नारायण कथा ( टीका )
४.सुन्दर काण्ड रामायण
५. बाल काण्ड
६. हरिताली व्रत कथा
७. जानकी रामायण ( तीन खंड मे )
८. श्रीमद भगवत गीता ( मैथिली मे पदानुवाद )
९. सावित्री सत्यवान नाटक
१०. रमेश्वर चरित्र मैथिली भाषा रामायण
११. महेश्वर विनोद
[ रमेश्वर चरित्र रामायण , हिनक सर्वाधिक लोकप्रिय ग्रंथ ]
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व्यक्तित्व :
१. स्त्री शिक्षा , स्त्री महामत्य हिनक लेखनी केर अबलम्व | लेखनी केर माध्यम सँ महिला सशक्तिरण पर जोर |
२. अन्य रामायण मे मात्र सात खण्ड , लाल दास कृत रामायण मे आठ ख्णड | आठम खण्ड : पुष्कर काण्ड |
अहि काण्ड मे जगत जननी सीता केँ गौरवान्वित काएल गेल छन्हि |
३.हिनक रचित पोथी , एक सामाजिक व सांस्कृतिक धरोहर | गौना केर समय हिनक रचित किछु पोथी : महेश्वर विनोद , हरियातली कथा , स्त्री शिक्षा बेटी केँ खोंइछा मे देल जाइति छल |
४. चन्दा झा यदि आधुनिक मैथिली केर प्रवर्तक मानल जायत छथि , तय लाल दास मैथिली केर उन्नायक |
५.लाल दास विश्व केर प्रथम कवि छलाह , जे जगत जननी सीता केँ अराध्य बना अपन काव्य रचना कयलाह |
६. व्यक्तिव्यक एेहन धनी छलाह , कि राज दरभंगा महाराजा रामेश्वर सिंह जतय गेलाह , चाहे तीर्थाटन व प्रशासकिय काज सँ हिनका सदैव अपने साथ लय जाइति छलाह |
मिथिला , मैथिलआओर मैथिली केँ केन्द्र मे राखि , अहि केर महान प्रचारक युगपुरुष लाल दास केर साहित्य सेवा सँ अभिभूत महाराजा रामेश्वर सिंह , हिनका धौत सम्मान सँ सम्मानित करैत पंडित केर उपाधि प्रदान कयलाह | मिथिला आओर मैथिली केर लेल अपन जिन्दगी उत्सर्ग केनिहार अहि मैथिल पुत्रक जयन्ती पर अशेष श्रद्धांजलि | हिनक कृतित्व व व्यक्तिव्य केँ शत – शत नमन |
प्रस्तुति : संतोष कुमार झा
साहित्य प्रकोष्ठ , मिथिला सांस्कृतिक समन्वय समिति , गुवाहाटी |