मिथिला लोक-चित्रकला प्रतियोगिता 2023
मैथिल मंच के संयोजन में आयोजित स्व. कृष्ण कुमार कश्यपजीक स्मृतिमे आयोजित मिथिला लोक-चित्रकला प्रतियोगिता 2023 के परिणाम घोषणा संग पुरस्कार वितरण भव्य समारोहपूर्वक संग सम्पन्न भेल।
अतिथिगण
मुख्य अतिथि
कार्यक्रम अध्यक्ष
मंच संचालन
विशिष्ट अतिथि
मिथिला चित्रकला संस्थान, मधुबनी
विशिष्ट अतिथि
मिथिला चित्रकला संस्थान, मधुबनी
उपमहापौर, दरभंगा नगर निगम
जिलाध्यक्ष
भाजयुमो, दरभंगा
प्रदेश उपाध्यक्ष,
राजद
टिपिकल वस्त्रालय
दरभंगा
वरिष्ठ साहित्यकार
दरभंगा
समाजसेवी, दरभंगा
वरिष्ठ समाजसेवी
रोसड़ा, समस्तीपुर
समाजसेवी
मधुबनी
समाजसेवी
दरभंगा
समाजसेवी व युवा नेता
दरभंगा
एहिके संगहि प्रत्येक वर्षक भाँति 21टा युवालोकनि के विभिन्न क्षेत्र में योगदान हेतु “मिथिला कला सम्मान 2023” देल गेल।
मिथिला कला
दरभंगा
युवा समाजसेवी
दरभंगा
मिथिला कला
दरभंगा
मिथिला कला
राजनगर, मधुबनी
मिथिला कला
बेगूसराय
मिथिला कला
समस्तीपुर
युवा समाजसेवी
मधुबनी
मिथिला कला
दरभंगा
मिथिला कला
मधुबनी
युवा समाजसेवी
समस्तीपुर
समाजसेवी
बहेड़ी, दरभंगा
मिथिला कला
दरभंगा
दरभंगा
नृत्य
दरभंगा
नृत्य
दरभंगा
नृत्य
दरभंगा
मिथिला कलाप्रेमी
दरभंगा
साहित्य
दरभंगा
रक्तदाता सह समाजसेवी
दरभंगा
नृत्य
दरभंगा
६४ कला म एकटा कला चित्रकला अछि, ६४ कला भगवती ६४ योगिनी के
क प्रतीक मानल जायत अछि, अतः चित्रकला शक्ति स्वरूप अछि।
आउ हम सभ मिथिला चित्रकला क अध्यात्मिक पक्ष क चित्रांकन आगु बढ़ा कय शक्ति साधना करि, ईश्वर आराधना करि।
अविनाश कुमार कुलदीप जी के एहि आवाहन संग आई बसंत पंचमी दिन मिथिला लोक-चित्रकला प्रतियोगिता 2023 के रजिस्ट्रेशन के विधिवत प्रारंभ कयल जाईत अछि।
एहि बेरक प्रतियोगिता प्रतियोगिता में प्रति 20 कलाकार लोकनि के एकटा मेंटर (वरिष्ठ कलाकार) देल जेतनि जे कलाकारगण के प्रतियोगिता में मार्गदर्शन करथिन्ह। एहि प्रतियोगिता के मेंटर छथिन्ह :
LIST OF MENTORS:
प्रतियोगिता संबंधी नियम ::
1. एहि प्रतियोगिता में विश्व के कियो मिथिला चित्रकलाक कलाकार भाग लय सकय छथि।
2. एहि प्रतियोगिता में कलाकारगण अपन घर वा स्थान सँ भाग लय सकय छथि।
3. एहि प्रतियोगिता हेतु कलाकार के 3 फीट * 4 फीट के कैनवास पर दू टा विशेष थीम चुनिकय पेंटिंग करबाक अछि। प्रथम पेंटिंग पारंपरिक मिथिला पेंटिंग आ दोसर कलाकारगण अपना मोन सँ चुनि सकय छथि कोनो नव चीज । कैनवास उपलब्ध नहि होबाक स्थिति में आयोजक वा मेंटर के अनुमति पश्चात विशेष स्थिति में फुल साईज (22 इंच * 30 इंच) हैंडमेड पेपर पर पेंटिंग बनेबाक अछि।
4. विधिवत पंजीकरण के पश्चात कलाकारगण के रजिस्ट्रेशन नंबर देल जायत।
5. प्रतियोगिता प्रारंभ भेलाक बाद प्रतिदिन कम सँ कम तीन टा फोटो ….प्रारंभ के समय…..बीच में…..आ अंत करय काल में पठेबाक अछि आयोजक द्वारा देल गेल नंबर पर।
एक दिन छोड़ि हर दोसर दिन पेंटिंग बनेबाक समय के कम सँ कम 2 मिनट के विडिओ पठेबाक अछि।
6. पेंटिंग सम्पूर्ण भेलाक बाद नियत समय पर आयोजक द्वारा देल गेल पता पर भेजबाक अछि।
7. समारोहपूर्वक प्रतियोगिता के परिणाम घोषित होयत आ पुरस्कार वितरण होयत।
8. पुरस्कारप्राप्त प्रतिभागी लोकनि के पेंटिंग संस्थाक होयत आ बाकी कलाकारगण अपन पेंटिंग परिणाम घोषणाक 30 दिन के अन्दर वापस लय सकैत छथि। आयोजक के तरफ सँ एकटा विशेष पदाधिकारी एहि काज लेल उपलब्ध रहता।
60 दिन तक अपन पेंटिंग नहि लेबय के स्थिति में आयोजक के जिम्मेदारी नहि रहतन्हि।
9. प्रथम 20 प्रतिभागी के प्रोत्साहन पुरस्कार भेटतन्हि आ प्रत्येक प्रतिभागी के सहभागिता सम्मान देल जेतनि जहिमे प्रमाणपत्र संग एकटा प्रतीक चिह्न प्रदान कयल जेतन्हि।
10. विशेष स्थिति में जँ पुरस्कार प्राप्त कलाकार अपन पेंटिंग वापस लेबय चाहता त ओहि स्थिति में ओ पुरस्कार राशि स्वेच्छा सँ आयोजक के वापस कय अपन पेंटिंग लय सकय छथि।
11. सम्पूर्ण आयोजन में आयोजकगण आ मैथिल मंच के जिम्मेदारी रहत आ कोनो तरहक विवाद वा समस्या में आयोजकगण के निर्णय अंतिम रहत। समय-समय पर कलाकारगण आ आयोजकगण के आवश्यकतानुसार नियम में बदलाव भय सकैत अछि जकर सूचना ससमय देल जायत।
रजिस्ट्रेशन शुल्क :: 501 /- (भारत आ नेपाल)
1001/- (अन्य जगह सँ)
एहि प्रतियोगिता में पंजीकृत अभ्यार्थीलोकनि के परिचय निम्नलिखित अछि :-
आयोजकगण के तरफ सँ सुझाव के रूप में थीम अछि :-
1. जीवन चरित
2. सम्पूर्ण उपनयन संस्कार
3. सम्पूर्ण विवाह संस्कार
4. मिथिला में रौदी, दाही आ बाढ़ि के चित्रण
5. मिथिला के साँस्कृतिक चित्रण
6. सम्पूर्ण रामायण चित्रण
7. सम्पूर्ण महाभारत चित्रण
8. सीता जीवन
9. मिथिलाक जीवन चित्रण
10. मिथिला में पलायन आ बेरोजगारी क चित्रण
11. विज्ञान आ प्राद्यौगिकी के क्षेत्र सँ जुड़ल थीम लय क मंगलयान, चन्द्रयान वा आन कोनो मिशन सँ जुड़ल चित्रण।
12. समसामयिक वा वर्तमान समस्या पर चित्रण के सेहो जोड़ि सकय छी…..जेना बाढ़ त्रासदी, कोरोना काल के स्थिति आदि।
13. मिथिलाक साँस्कृतिक समरसता आ परिचय पर एकीकृत चित्रण।
14. मिथिलाक पर्व-त्योहारक चित्रण।
15. मिथिलाक विभिन्न पद्धति के चित्रण।
16. अन्य प्रदेश के कलाकारगण भी अपनी क्षेत्रीय पर्व-त्योहार, साँस्कृतिक चित्रण वा अन्य क्षेत्रीय चित्रांकन के थीम चुनि सकय छथि।
17. जोड़ा हाथी, मोर-मयूर, जोड़ा बाघ , गोंदना शैली पेंटिंग, आदि।