नवादा भगवती
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दरभंगा के बेनीपुर सअ पाँच किलोमीटर उतर-पश्चिम अवस्थित नवादा गाँव में दुर्गा स्थान कुल 52 सिद्ध पीठ में सअ एक अछि। शिव प्रिय सती सअ जुडल अहि पीठ के वर्णन देवी भागवत पुराण एवं मत्स्य पुराण में अछि ,जाहि के अनुसार सती के वाम स्कन्ध एतहि खसल छल। जखन सती पिताक व्यवहार सँ क्षुब्ध भए पिताक द्वारा आहूत यज्ञक हवन कुँड मे अपन आहूति दए देलनि आ’ महादेव सतीक अधजरू शव केँ कान्हा पर लए अर्द्ध-विक्षिप्तावस्था मे दौड़लाह तखन भगवतीक बामा कान नवादाक ओहि स्थान पर खसल, जतय आइ दुर्गाजीक भव्य मंदिर अछि। सिंहासनक विद्यमान रूप कानक समान आकारकेँ अछि।कहल जाइत छैक जे लगभग 600 वर्ष पूर्व राजा हयहट्ट द्वारा एतय जगदम्बा मूर्ति स्थापित भेल । बहेरी प्रखंड क हावीडीह गामक एकटा साधक प्रति दिन साधना-आराधना लेल आबैत छलाह । बाद में वृद्धा अवस्था में दुर्बल कायाक कारण भगवतीक प्रेरणा सँ सिंघासन सँ मूर्ति उठाकए हावीडीह लअ गेलाह ,जतय अखनो ओही मूर्तिक पूजा कायल जाइत अछि ।अहि ठाम सअ उठायल गेल भगवती के प्रतिमा आ अन्य सब वस्तु गुप्तकालीन अछि !अहि सिद्धि पीठ में अगवे सिंघासन शेष रही गेल अछि जकर पूजा होइत अछि !अहि मंदिर में जगदंबाक निराकार रूपक पूजा होइत अछि ! तेरहम शताब्दी में अहि मंदिर के बहुत प्रसिद्धि भेटि गेल छल, जाहि सअ नवादा दुर्गा स्थानक प्राचीनताक आकलन कायल जा सकैत अछि। !अहि दुर्गा मंदिरक प्राँगण मे बारहो मास पूजाक लेल आस्थावान लोकक भीड़ लागल रहैत अछि।