कोरोनोलाजी बुझियौ : दिल्ली सँ मजदूर सबहक पलायन के कोरोनोलाजी
सबसँ पहिले एकटा सामान्य जानकारी द दी जे आईतक जतेक महामारी भेल अछि ओ सबसँ बेसी भारत आ नेपाल विशेषकर भारत के उत्तरप्रदेश, बिहार होईत बंगाल आ आसपास के इलाका में बेसी पसरल (या पसारल गेल)। हैजा, कोलोरा, मलेरिया, चेचक आदि अनेकों महामारी पसारयवला बीमारी पर जहन अहाँ अध्ययन करब त पायब कि सबसँ बेसी मौत एहि क्षेत्र में भेल अछि इतिहास में…….ओहि के बाद दोसर महत्वपूर्ण जानकारी जे वर्ल्ड हेल्थ ऑरगेनाइजेशन (WHO) वा अन्य मेडिकल कंपनी के जतेक दवाई सबहक प्रयोग भेल अछि से सब एहि क्षेत्र में भेल अछि आ आगा सेहो संभावित अछि वैश्विक बाजार के नजरिए सँ।
एखन विश्व में सबसँ पैघ आ विश्वसनीय “चाईनीज उत्पाद-कोरोना” के वैश्विक प्रकोप अछि। एहि उत्पाद के सबसँ पैघ उपभोक्ता “भारत” भय सकैत छल जे कि वर्तमान केन्द्र सरकार के मजबूत इच्छाशक्ति के कारण संभव नहिं भय रहल छल।
पहिले किछु धीमा मुदा बाद में केन्द्र सरकार के मजबूत निर्णय एहि महामारी के रोकबाक लेल सतत प्रयासरत अछि। पहिले “जनता कर्फ्यू” ओहिके तुरत बाद “21 दिनक ई इमरजेंसी लाकडाउन” “एहि चाईनीज वायरस” पर तुरत असर कयलक आ भारत में एकर प्रसारक संभावना खतम भय रहल छल। एहन में वैश्विक कोरोना संरक्षकगण हतोत्साहित भय कोनो ने कोनो रूपे भारत में कोरोना के प्रसार लेल प्रयासरत छथि।
पहिने देशभरि में चलि रहल CAA/NRC के सम्प्रदाय विशेष के विरोध के संग “चाईनीज मुसलमान” सबहक देश के विभिन्न मस्जिद सबमें बिना कागज आ सूचना पकड़ायब, फेर देश में परसल विदेशी वामपंथी आ सिटालियन गैंग के लगातार नौटंकी आ ओहिके बाद मजदूर सबहक सहारा लय क सरकार पर हमला ई सब एकटा पैघ साजिश के तरफ इशारा कय रहल अछि।
आब आबय छी दिल्ली के अजीमोशान शहंशाह के पछिला चारि दिनक कार्यकलाप पर। अनेकों विदेशी पुरस्कार प्राप्त ई शहंशाह पहिने सँ विदेशी एजेंट मानल जाय छथि आ जगह-जगह अराजकता पसारय लेल प्रसिद्ध छथि। हिनकर कोरोनोलाजी एना बुझियौ :
1. पहिले आठ-दस लोक के पैदल पठाओल गेल। सोशल मीडिया पर किछु लोक कननाई चालू कयलथि।
2. सोशल मीडिया सँ न्यूज चैनल पर खबर पसारल गेल। एहिठामक मीडिया के विदेशी कनेक्शन पर कहबाक आवश्यकता नहि अछि शायद।ई सब खबरि देखि कय आर सबलोग के भड़काओल गेल कि मोदी बाहरवला के हवाई जहाज सँ अनलकै आ तोरासबके मरय लेल छोड़ि देलकौ बंद कय क। एहि सँ भीड़ बढ़य लागल।
3. हंगामा कयल गेल कि सरकार बिना किछु सोचने समझने एकरा सबके मरय लेल छोड़ि देलकै।
4. दबाव में यूपी सरकार के बयान आयल कि इंतजाम कयल जा रहल अछि।
5. तहन कालि भोरे सँ आनंद बिहार सँ बस भेटि जयत यूपी आ बिहार लेल, ई हल्ला पसारल गेल आ अगिला दिन भोरे-भोरे दिल्ली सरकार DTC बस सँ सबकें आनंदविहार भेजल गेल।
6. अआब दिल्ली-यूपी सीमा पर हजारों के भीड़ जमा भेल।
मकसद एक छल – लॉकडाउन नाकाम साबित होई, आ ई महामारी बेसी सँ बेसी पसरय।
धन्यवाद अछि केन्द्र सरकार के जे आनंदविहार में पुलिसिया सख्ती नहि कयल गेल नहिं त शायद दिल्ली फेरसँ उपद्रव के आगि में झोंका जाईत। धन्यवाद अछि यूपी सरकार के जे आनंदविहार के भीड़ के अपन जिम्मेदारी बुझि आगाक व्यवस्थाक घोषणा कयल आ ओतय लोक के भोजनपानी आदि के व्यवस्था कयल।
आगाक सुरक्षा लेल सबसँ बेसी आवश्यक अछि जे लोक एहितरहक भीड़ या मुहिम के हिस्सा बनय छथि हुनक पहचान सुनिश्चित कयल जाय आ हुनका आईसोलेट कयल जाय। जे नेता वा अभिनेता के गरीबक बेसी दर्द होईत छन्हि, हुनका सब ओतय पचास-सौ टा लोक के सुरक्षापूर्वक राखल जाय ताका हुनक दर्द कनि कम होईन।
हमरा बुझने राहुल, सोनियाँ आ प्रियंका मात्र एहि तीन गोटाक घर में आनंदविहार के 50000 लोक के 20 दिन तक राखबाक व्यवस्था भय सकैत अछि, बाकी आरो हिनक साँसद सब छथि जिनका एहि दिहाड़ी मजदूरक बेसी चिंता छनि। जे नहिं मानथि हुनका घर सँ निकालि शेल्टर होम में एहि दिहाड़ी मजदूर सबके संग सुरक्षा आ सेवा में राखल जाए।
अविलंब दिल्ली में सेना के सेवा लेल जाए वा एक महीना लेल उपराज्यपाल के पूर्ण नियंत्रण देल जाए दिल्ली के।
दिल्ली सरकार संग देश के अनेको चाईनापरस्त वामपंथी NGO सबलोकनि आ भोगीवादी आदमखोर एखन विदेशी करोना के नियंत्रण में अछि जे देश में महामारी पसारय लेल ठेका उठा लेने अछि।
एहि सब माहौल के देखैत मिथिला के एकटा वरिष्ठ समाजसेवी कहैत छथि, ” बौआ, हमसब त एहनो दिन देखने छी जे एहन महामारी में गामक गाम खत्म भय जाईत छल, एकटा लाश जरा क अबैत छल लोक आ दोसर लय क जाईत छल। मासक-मास बाद कोनो डाक्टर आ सरकारी सहायता अबैत छल। एखन त समय नीक छ जे कम सँ कम सम्हरय के मौका त भेट रहल छै।”
एहन बात सब सुनि क मोन में उम्मीद बढ़ैत अछि विश्वास बढैत अछि