मिथिलाक्षर एवं कैथी लिपि प्रशिक्षण सह कार्यशाला (२९ फरवरी-६मार्च२०२०) सफलतापूर्वक सम्पन्न भेल
मैथिली भाषा के संरक्षण के लेल एकर लिपि के संरक्षण करनाई आवश्यक अछि।भारतीय भाषा संस्थान मैसूर, मैथिली साहित्य संस्थान पटना, महाराजाधिराज लक्ष्मीश्वर सिंह संग्रहालय, दरभंगा आ इन्टैक दरभंगा चैप्टर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित मिथिलाक्षर एवं कैथी लिपि प्रशिक्षण सह कार्यशाला के समापन समारोह के अवसर पर डा वैद्यनाथ चौधरी बैजू ई बात कहला। सब उम्र के प्रतिभागी के प्रोत्साहित करैत डाॅ. चौधरी अपन धरोहर के बचाबय के लेल अपन भाषा आ लिपि के सबसँ पहिले बचाबय के आह्वान कयलथि। डाॅ.चौधरी मिथिला के इतिहास, संस्कृति आ परंपरा के विस्तार सँ चर्चा कयलथि।
आगत अतिथि सबकें स्वागत करैत संग्रहालयाध्यक्ष डाॅ. शिव कुमार मिश्र कहलथि कि आदरणीय बैजूबाबू मैथिली भाषा के सबसँ पैघ अभियानी छथि आ मिथिलाक धरोहर के संरक्षण के प्रति जागरूक छथि। डाॅ. मिश्र लक्ष्मीश्वर विलास पैलेस के संरक्षण,राज लाइब्रेरीक दुर्दशा, संस्कृत विश्वविद्यालय आ मिथिला शोध संस्थान में संगृहीत पांडुलिपियों सबकें दशा आदि अनेक विषय पर डाॅ.चौधरी के ध्यान आकृष्ट कराबैत व्यक्तिगत अभिरुचि लय क एहि सबकें बचेबाक लेल प्रयास करबाक आग्रह कयलन्हि। डाॅ. चौधरी के ध्यान दिग्घी पोखर में खसि रहल रेलवे स्टेशन के कचरा के कारण जल जीवन के अस्तित्व के संकट के ओर आकर्षित कयल गेल।
डाॅ. मिश्र, भारतीय भाषा संस्थान मैसूर के सहायक निदेशक डाॅ. नारायण चौधरी से आग्रह कयलथि कि मैथिली भाषा विज्ञान विषयक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के आयोजन दरभंगा में कयल जाय। समारोह में भारतीय भाषा संस्थान मैसूर के सहायक निदेशक डाॅ. नारायण चौधरी आगंतुक सबके प्रति आभार प्रकट कयलथि आ प्रतिभागी सबकें एहि लिपि के आगा बढ़बैत रोजगारक साधन बनाबय लेल कहलाह।
प्राचीन भारतीय इतिहास विभाग के अध्यक्ष डाॅ. अयोध्यानाथ झा मिथिला के सांस्कृतिक धरोहर संरक्षण के लेल कैथी लिपि एवं मिथिलाक्षर के महत्ता पर विस्तार सँ प्रकाश देलथि। समारोह में गणपति नाथ झा वैद्यजी,डाॅ. फूल चंद्र मिश्र प्रवीण,डाॅ. अवनीन्द्र कुमार झा, श्रीमती कल्पना मिश्र आदि अनेकों लोक अपन विचार व्यक्त केलथि। समारोहक अंत में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के गणित विभाग के अध्यक्ष डाॅ.नवीन कुमार अग्रवाल, संयोजक इन्टैक दरभंगा चैप्टर, भारतीय भाषा संस्थान मैसूर द्वारा मैथिली भाषा एवं लिपिक लेल कयल जा रहल गंभीर प्रयास के सराहना कयलथि। सर्वप्रथम सबसँ बुजुर्ग प्रतिभागी श्री गोविन्द किशोर ठाकुर के डाॅ. वैद्यनाथ चौधरी बैजू द्वारा प्रमाण पत्र द क सम्मानित कयल गेल, तत्पश्चात दूसरे बुजुर्ग श्री सूर्य नारायण यादव के डाॅ. अयोध्यानाथ झा प्रमाण पत्र दय क सम्मानित कयलाह। डाॅ. मंजर सुलेमान के गणपति नाथ झा वैधजी सम्मानित कयलथि त जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय नयी दिल्ली के डाॅ.अजय कुमार प्रसाद के डाॅ. फूल चंद्र मिश्र प्रवीण आ डाॅ. शिव कुमार मिश्र संयुक्त रूप सँ सम्मानित कयलथि।
बाकी प्रतिभागी सबकें रिसोर्स पर्सन डाॅ. अवनीन्द्र कुमार झा आ श्रीमती कल्पना मिश्र द्वारा प्रमाण पत्र दय क सम्मानित कयल गेल। समारोह में डाॅ. कृष्ण मोहन ठाकुर,डाॅ. सुशांत कुमार, अभिमन्यु कुमार झा,मो. जमील,अमल झा, नरेंद्र नाथ झा, राधा रमण झा, चंद्र प्रकाश, रत्नेश वर्मा, संतोष कुमार, धर्मेंद्र राय के अलावा सौ सँ बैसी प्रतिभागी उपस्थित छलथि।
कैथीलिपी प्रशिक्षण सह कार्यशाला के बारेमे सूचीत होयबाक सुखद अबसर भेटल। पर्यावरण पर कार्यशाला मे व्यक्त चिन्ता सराहनिय अछि।