#मैथिली_साहित्य_संस्कृतिक_उन्नयनमे_मधेपुरा_जिलाक_योगदान
…..आउ आइ गप्प करैत छी मिथिलाक एकटा प्रमुख जिला मधेपुरा आ मैथिलीक संदर्भमे । पहिने भागलपुर आ फेर सहरसा जिलाक भाग रहल मधेपुरा जिला रूपमे ९ मई १९८०केँ अस्तित्वमे आयल । समाजवादी आन्दोलनक केन्द्र रहल ई जिला बी पी मण्डल, बी एन मण्डल, रासबिहारी मण्डल, महावीर प्रसाद यादवक जन्मभूमि हेबाक संगहि आध्यात्मिक रूपेँ सेहो मिथिलाक एकटा महत्वपूर्ण क्षेत्र अछि । भगवान रामक सासुर मिथिलामे से सर्वविदित अछि, मुदा इहो जानब ततबे जरूरी अछि जे रामविवाहसँ पहिनहि हुनक बहिनक विवाह मिथिलामे भेल छल । राजा दशरथक सुपुत्री शान्ताक विवाह प्रसिद्ध ऋषि श्रृंग्यसँ छलनि आ ऋषि श्रृंग्यक निवास वर्तमान मधेपुरा जिलाक श्रृंगेश्वर (वर्तमान सिंघेश्वर) मे छलनि । प्रसिद्ध सिंघेश्वरनाथ महादेवक स्थापना ऋषि श्रृंग्य द्वारा मानल जाइत अछि ।तहिना जिलाक चौसा प्रखंड अन्तर्गत बाबा विशु राउतक प्रसिद्ध स्थान अछि, पशुपालक समाजमे ई लोकदेवता रूपमे पूजित छथि आ हिनक लोकगाथा जनकण्ठमे बसैत अछि । आओर कतेको ऐतिहासिक आ पौराणिक पक्ष छैक एहि जिलाक मुदा एखन मैथिली साहित्य आ संस्कृतिक दृष्टियें किछु पड़ताल करी…..
एहि जिलाक मुरहो गाम निवासी यदुनाथ झा यदुवर मैथिलीक प्रसिद्ध रचनाकार रहथि । हिनक प्रसिद्ध पोथी सभ अछि – मैथिली गीतांजलि, वासन्ती विलास, मिथिला संगीत आदि । ई समाजवादी रासबिहारी मण्डलक परम मित्र आ स्वतंत्रता सेनानी छलाह। हालमे हिनक सभटा रचना यदुवर रचनावली नामसँ डा रमानन्द झा रमणक सम्पादकत्वमे प्रकाशित भेल अछि । तहिना प्रसिद्ध इतिहासकार डा राधाकृष्ण चौधरीक पैतृक मधेपुराक रामपट्टी, जे मैथिली साहित्य पर केन्द्रित इतिहास सहित अनेको पुस्तकक सर्जना कयलनि । वस्तुत: मैथिली साहित्यकेँ इतिहास लेखन द्वारा एकटा उर्जा प्रदान कयलनि डा चौधरी । सर्वे आफ मैथिली लिटरेचर मैथिली साहित्यक दर्पण अछि । हुनक सम्पूर्ण लेखन मिथिलाक सांस्कृतिक अन्वेषण थिक । रजनी बभनगामाक पुलकित लाल दास मधुर मैथिलीक लोकप्रिय कवि छलाह । ओना ई गद्य आ पद्य दुनूमे रचनाशील छलाह । इहो स्वतंत्रता आन्दोलनक सजग सिपाही छलाह । हिनके गामक नित्यानंद लालदास सेहो मैथिलीमे बहुत रचना कयलनि जे प्रकाशित अछि । तहिना एहि जिलाक अवधलाल झा मुख्तार , मधेपुराक डा जगदीश प्रसाद यादव,सुखासनक पुरूषोत्तमलाल दास, आलमनगरक विद्याकर कवि, धबौलीक सदानन्द झा आदि मैथिली साहित्यक भण्डारक श्रृवृद्धिमे अपन योगदान देलनि । एहि जिलाक बारामे जन्म लेनिहार डा अशोक सिंह तोमर नोरक भाषा, प्रेम परीक्षा आदि कथा संग्रह, उपन्यास लेखन कयने छथि आ एखनहुँ कमोवेश सक्रिय छथि । कुमारखण्ड प्रखण्डवासी डा देवनारायण साहक कतिपय रचना सेहो प्रकाशित छनि आ एकटा शोधग्रंथ सेहो ।
एहिठाम एकटा महत्वपूर्ण नाम मोन पड़ैत अछि सुरेश सिंह स्नेही केर, सुखासन (चकला) निवासी स्नेही जीक स्पन्दन कविता संग्रह आ अन्हार उपन्यास मैथिलीमे प्रकाशित छनि । तहिना मोहनपुर(बिहारीगंज) क डा रामनरेश सिंह मैथिली साहित्यमे आरम्भसँ एखनधरि सक्रिय रहलाह अछि । हिनक कथा, समीक्षा आदि प्रकाशित छनि । एहि गाम डा विमल सिंहक किछु कविता आलेख मैथिलीमे प्रकाशित छनि । एतय मोन पाड़य चाहब मधेपुराक प्रसिद्ध हिन्दी साहित्यकार हरिशंकर श्रीवास्तव शलभ जीकेँ । ओना ई मैथिलीमे लेखन कम्मे कयलाह अछि, मुदा मिथिलाक लोककथा, पौराणिक कथा सभ पर हिनक काज महत्वपूर्ण रहल अछि । हाँ मैथिलीमे दशाधिक आलेख विभिन्न पत्र पत्रिकादिमे प्रकाशित छनि । उदाकिशुनगंजक डा अमोल रायक दू गोट पोथी मैथिलीमे प्रकाशित छनि, पहिल मिथिलाक लोकगीत पर केन्द्रित त’ दोसर त्रिविधा । अर्राहा निवासी डा अरूण कुमार सिंहक स्वातंत्र्योत्तर मैथिली नाटक एकटा महत्वपूर्ण पोथी अछि । तहिना डा कपिलेश्वर प्रसाद यादवक आलेख, कविता सभ पत्र पत्रिकामे प्रकाशित छनि ।
मैथिली समकालीन कविताक प्रखर स्वर कृष्ण मोहन झाक गाम मधेपुराक जीतपुर छनि । हिनक प्रकाशित पोथीक नाम अछि एकटा हेरायल दुनिया । उदाकिशुनगंजक आनन्दपुर गामवासी विनीत उत्पलक करीब आधा दर्जन पैथी प्रकाशित छनि, हम पुछैत छी हिनक चर्चित कविता संग्रह छनि त’ सिंघेश्वर स्थान, मोहनदास , रेहन फर रग्घू आदि मैथिलीक अनुदित कृति छनि , सम्प्रति मैथिलीक शोधपत्रिका तिरभुक्ति केर सम्पादनसँ जुड़ल छथि । मुरलीगंजक ईसराइन कला वासी हिन्दीक सुप्रसिद्ध साहित्यकार रामदेव सिंह मैथिलीमे सेहो लिखैत रहलाह अछि । दिल्ली सँ प्रकाशित अन्तिकामे हिनक कथा सभ छपल आ चर्चित भेल । मधेपुराक निरंजन यादव, सियाराम यादव मयंक सिंघेश्वर निवासी शैलेन्द्र स्नेही, बिहारीगंजक मुकुल यादव मैथिली गीत- गजल लिखैत छथि । हिन्दीक फिल्मलेखनसँ जुड़ल सुप्रसिद्ध गीतकार भेलवा गामक रहनिहार राजशेखर मैथिलीमे सेहो कविता गीत आदि लिखैत छथि जे अद्यावधि अप्रकाशित अछि ।मधेपुरा कालेज मधेपुराक प्राचार्य डा अशोक यादवक पोथी किर्तिलता के आधार पर विद्यापतिकालीन मिथिला का इतिहास मिथिलाक साहित्य संस्कृति लेल एकटा उपलब्धिमूलक पोथी अछि । आलमनगरक निशान्त मैथिली नाटक बहुरियाक लेखन कयने छथि । आलमनगरक सिंगारपुर वासी रघुवंश झा निरन्तर आपन कविता गीतसँ मैथिलीकेँ समृद्ध करबामे अपन योगदान द’ रहलाह अछि ।बरदाहाक अनुज अलभ्य मैथिलीक सुइढ़ गीतकार छथि ।मधेपुराक प्रदीप कुमार झा दैनिक जागरणमे मैथिलीक स्तम्भ लेखन करैत रहलाह अछि आ आर कतेको नाम विभिन्न रूपेँ मैथिली साहित्यक सेवामे संलग्न रहलाह अछि ।
मैथिली रंगमंचक क्षेत्रमे मधेपुरा जिलाक जीतेन्द्र जीतू, संजीव कुमार, सृष्टि आनन्द आदि राष्ट्रीय फलक पर अपन सशक्त उपस्थिति दर्ज करा चुकल छथि । मैथिली गायनक क्षेत्रमे प्रिया राज एकटा सुप्रसिद्ध नाम बनि चुकल छथि, प्रिया राजक गायनमे एक्के संग मिथिलाक माटिपानिक सुगन्ध आ शाश्त्रीयता दुनूकेँ अकानल जा सकैत अछि ।तहिना राधिका मिश्रा , स्मिता झा, सुपर्णा यादव, श्रेया झा आदि मैथिली गीतक नवोदित नाम अछि , एकर संग अनेको नाम अछि जे प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूपें मातृभाषा आ संस्कृतिक सेवामे लागल छथि…
– किसलय कृष्ण
नोट : ई एकटा आधार लेख अछि, विस्तृत शीघ्र मैथिलीक एकटा पत्रिकामे प्रकाश्य ।