27 मई – जन्मदिन विशेष :: प्रमोद झा, मुम्बई

“भवतु मंगलम् जन्मदिनम्”
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जन्मदिनक विशेष दिवस पर आदरणीय प्रमोदजी सं जुड़ल जानकारी साझा कS रहल छी । चूंकि आजुक दिन केवल हुनकहिं लेल नहि बल्कि हमरो सभक लेल विशेष अछि । विनम्रता, शालीनता, सौम्यता, सहजता, कर्मठता, विनोदप्रियता सदृश बहुमुखी प्रतिभा सम्पन्न व्यक्तित्व समेत अनेकों गुणके धारण करैत परिवार तथा समाजमे सदैव सभक प्रियभाजक बनि स्नेह तथा दुलार प्राप्त करैत आबि रहल छथि । वातावरण, परिस्थिति वा परिवेशक मध्य माधुर्यता तथा रसमय श्रृंगारक रसास्वादन करायब हिनक सानिध्यमे रहनिहार महानुभाव सहजरूपें प्राप्त करैत प्रमुदित आर प्रफुल्लित होयत आबि छथि ।

हिनक जन्म मधुबनी जिलान्तर्गत अपन पैतृक गाम तीसी बलिया, बेनीपट्टीमे २७ मई, १९७० ईस्वीमे भेलनि । बाल्यकालहि सं सिखबाक जिज्ञासा, आध्यात्मिक स्वाभाव तथा शिक्षाक प्रति झुकाव आदि विशिष्ट लक्षण हिनक अग्रिम भविष्यक शुभ्रताक संकेत कS देने छल ।

गाममे उच्च विद्यालयक अभावक कारणें सन्निकट गाम ‘खिरहर’ स्थित विद्यालयमे शिक्षा प्रारम्भ कयलनि । एहि विद्यालय सं दशवीं कक्षा धरि शिक्षा प्राप्त करैत विद्यालयक शिक्षक समेत शिक्षा सहपाठीक मध्य अत्यधिक लोकप्रिय भेलाह । दशवींक शिक्षा सम्पन्न कयला उपरांत उच्च शिक्षा मधुबनी स्थित रामकृष्ण महाविद्यालयमे नामांकन कराबैत क्रमश: आई काम, बी काम तथा एम काम सम्पन्न करैत चार्टर्ड एकाउन्टेंट पढ़ाई करबाक इच्छाक कारणें कलकत्ता आबि गेलाह । सन् १९९२ सं १९९६ ईस्वी धरि कलकत्ताक प्रवासी जीवन व्यतीत कयलनि । एहि अवधिक दरम्यान हिनका जीवनमे एक अभूतपूर्व घटना घटित भेल । चूंकि मध्यमवर्गीय परिवारक हेबाक कारणें तथा पारिवारिक दायित्वके निर्वहन हेतु चार्टर्ड एकाउन्टेसीक पढ़ाई बीच्चहिंमे छोड़य पड़लनि । एकर मूल कारण छल हिनक वैवाहिक जीवन । १४ जुलाई, १९९१ ईस्वीमे वैवाहिक बंधनमे आबद्ध भS गेलाह । एहि प्रकारें शिक्षा प्राप्त करबाक जे लिलसा संजौने छलाह ओहि तितीक्षाक समापन भेल ।

पारिवारिक दायित्व तथा गृहस्थ जीवनक मर्यादाकें सम्यक निर्वहन हेतु जीविकोपार्जन करबाक अनिवार्यता हिनक जीवनक मूल उद्वेश्य बनि गेल छल तैं १९९७ ईस्वीमे देशक आर्थिक राजधानी मुंबई आबि अपन स्वरोजगार प्रारम्भ कयलनि । जाहिकें पूर्ण मनोयोगपूर्वक तथा निष्ठाक संग अग्रसारित करैत आगु बढ़ि रहल छथि ।

पूर्वमे चर्चा कयलौं जे बाल्यकालहिं सं धार्मिक तथा सामाजिक जीवनमे रूचि बनल छलनि जे सम्प्रति एखनहुं यथावत् बनल छन्हि ‌। पारिवारिक दायित्वके निर्वहन करैत सामाजिक कार्यकर्ता केर रूपमे उल्लासनगर (मुंबई) स्थित अति प्राचीन मैथिली संगठन “मिथिला नव जीवन समिति ट्रस्ट” केर संगठन सचिव बनि सेवा प्रदान कयलनि । सन् २००७ सं २०१७ ईस्वी धरि संगठन सचिव केर रूपमे हिनक कार्यअवधि रहलनि जथा संगठनमे सराहल गेलाह । सम्प्रति २०१६ ईस्वी सं राष्ट्रीय संगठन “मैथिल समन्वय समिति” केर राष्ट्रीय सह-संयोजक केर रूपमे अपन कार्य कुशलताक अमिट पहचान समाजक समक्ष बनेने छथि ।

एक पुत्र केर रूपमे, पतिक रूपमे, पिताक रूपमे तथा सर-कुटुम्बक मध्य हिनक पारिवारिक दायित्व वरेण्य छन्हि । समाजक श्रेष्ठजनक सदैव कृपाभाजक बनल छथि । समतुरिया तथा दोस्त-महीमक हृदयक आभूषण बनल छथि । आजुक दिन हिनक अवतरण दिवस थिकन्हि । समिति परिवार समेत सकल समाज अहांक भव्य, दिव्य तथा सुखद मांगलिक जीवनक मंगलकामना करैत अपन शुभ्र शुभकामना दS रहल अछि ‌। भगवती जानकी अहांक सकल मनोरथ पूर्ण करथि एहि कामनाक संग कहS चाहब “जीवेत शरद: शतम । सुदिनं सुदिनं जन्मदिनम् । भवतु मंगलम् जन्मदिनम् ।” जय श्री हरि ।

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