त्याग आ समर्पण केर बेहतर उदाहरण छथि मां जानकी’ :: जानकी नवमी केर अवसर पर ‘माँ जानकी पूजनोत्सव सह मैथिली दिवस समारोह’ आयोजित

Janaki navmi

त्याग आ समर्पण केर बेहतर उदाहरण छथि मां जानकी’
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जानकी नवमी केर अवसर पर ‘माँ जानकी पूजनोत्सव सह मैथिली दिवस समारोह’ आयोजित
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श्री सीता प्राकट्य दिवस जानकी नवमी केर उपलक्ष्यमे शुक्रदिन विद्यापति सेवा संस्थानक तत्वावधान मे ‘जानकी पूजनोत्सव सह मैथिली दिवस समारोह’ केर भव्य आयोजन कयल गेल। संस्थानक प्रधान कार्यालय परिसर स्थित मिथिला भवन केर सभागारमे आयोजित कार्यक्रमक उद्घाटन संयुक्त रूप सँ राज्यसभा सांसद डा धर्मशीला गुप्ता, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालयक कुलपति प्रो लक्ष्मी निवास पांडेय, जगतगुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय, चित्रकूट केर कुलपति प्रो शिशिर कुमार पांडेय, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालयक पूर्व कुलपति त्रय प्रो शशिनाथ झा, पं देव नारायण झा एवं पं उपेंद्र झा, पूर्व विधान पार्षद डॉ दिलीप कुमार चौधरी, मैथिली अकादमीक पूर्व अध्यक्ष पं कमलाकांत झा, रोसड़ा कालेजक प्रधानाचार्य डा घनश्याम राय, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालयक पूर्व कुलसचिव प्रो अजीत कुमार सिंह, डा टुनटुन झा अचल आदि समवेत रूप सँ कयलनि।
बतौर उद्घाटनकर्ता राज्यसभा सांसद डा धर्मशीला गुप्ता कहलनि जे हमसभ भाग्यशाली छी, जे हमरा लोकनि मिथिलामे जन्म लेलहुँ। कारण मिथिला मांँ जानकी केर छनि आ माँ जानकी मिथिला केर छथि। मांँ जानकी केर जन्म मिथिला मे होयब हमरा सभक सौभाग्य थीक। ओ कहलनि जे अयोध्यामे मिथिलाक पाहुन राम केर भव्य मंदिर बनला बाद माता सीता केर प्राकट्य भूमि पुनौरा धाम मे सेहो अनुपम मंदिर निर्माणक कवायद आब तेज भऽ गेल अछि आ आब ओ दिन दूर नहि जखन भगवान राम कें मर्यादा पुरुषोत्तम बनबय वाली मिथिलाक धिया सिया केर प्राकट्य स्थली पुनौरा धाम मे सेहो भव्य मंदिर निर्माण होयत। ओ अपन संबोधनमे मिथिलावासी कें भरोस दियोलनि जे पुनौरा धाम मे मंदिर निर्माण होयबा धरि ओ चैन सँ नहि बैसतीह। संगहि जानकी नवमी कें अगिला साल संँ राजकीय पर्वक रूप मे मनाओल जयबा लेल सेहो ओ सक्रिय प्रयास करती।
एहि अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि अपन संबोधनमे जगतगुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय, चित्रकूट केर कुलपति प्रो शिशिर कुमार पांडेय कहलनि जे धन्य अछि मिथिलाक माटि जतय मांँ मैथिली अवतार लेलनि। ओ कहलनि जे भगवान श्रीराम कें मर्यादा पुरुषोत्तम बनेबा मे माता सीता केर भूमिका अहम छनि। ई निर्विवाद सत्य अछि जे बिना जानकी कें राम कहियो मर्यादा पुरुषोत्तम नहि बनि पबितथि। प्रो पांडेय मां जानकी कें अष्ट सिद्धि आ नौ निधि केर दातृ बतबैत विभिन्न रामायण मे वर्णित जानकी केर जीवन दर्शन कें विस्तार सँ रेखांकित कयलनि।
कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालयक कुलपति प्रो लक्ष्मी निवास पांडेय कहलनि जे एहि मे कनिको संदेह नहि जे मिथिला प्रकांड विद्वान आ महान विदुषीक धरती अछि। एतय केर वाणी अत्यंत मधुर आ शालीन अछि आ एतय केर लोक ओहू सँ बेसी धैर्यवान छथि। ओ माँ जानकी कें त्याग आ समर्पणक बेहतर उदाहरण बतबैत कहलनि जे ओ एकटा पत्नी, माय, बेटी, पुतोहु आ भौजाई केर जे आदर्श छवि प्रस्तुत कयलनि, ओ आइयो मिथिलाक संस्कृति आ संस्कार मे रचल बसल अछि, ई मिथिलावासी लेल निश्चित रूप सँ गौरवक गप्प अछि। ओ देश भरि मे बनि रहल विभिन्न कॉरिडोर केर हवाला दैत कहलनि जे राम जन्मभूमि आ जानकी प्राकट्य स्थली कॉरिडोर बनला सँ सनातन धर्म मे निहित संस्कार आ संस्कृति कें बल भेटबाक संगहि एहि क्षेत्रमे रोजगारपरक विकासक नव दरबज्जा सेहो खुजत।

अध्यक्षीय संबोधन मे मांँ जानकी कें मिथिला के संस्कार और संस्कृति में जीवंत देवी बतबैत विद्यापति सेवा संस्थानक अध्यक्ष सह कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालयक पूर्व कुलपति प्रो शशि नाथ झा कहलनि जे सीता सन उदात्त चरित्र संपूर्ण विश्व केर इतिहासमे भेटब असंभव अछि। मांँ जानकी कें मैथिल संस्कृति केर धरोहर बतबैत पूर्व कुलपति पं देवनारायण झा कहलनि जे जानकी केर प्रति सम्मानक भाव सिर्फ मिथिला के लोके टा मे नहि, एहिसँ इतर केर लोकक हृदय मे सेहो धड़कैत अछि। वर्तमान संदर्भ मे सेहो हुनक जीवन चरित्र केर व्यापकता समाज लेल अनुकरणीय अछि आ हुनकर संपूर्ण जीवन आइयो मिथिलाक धिया बीच आदर्श बनल अछि ।
पूर्व विधान पार्षद प्रो दिलीप कुमार चौधरी अपन संबोधनमे रामनवमी जकाँ जानकी नवमी कें सेहो राष्ट्रीय अवकाश घोषित कयल जयबा पर बल देलनि। मैथिली अकादमीक पूर्व अध्यक्ष पं कमलाकांत झा कहलनि जे मिथिला केर मातृभाषा मैथिली जँ समाजक आईना अछि तऽ एकर धरोहर लिपि मिथिलाक्षर माँ जानकी केर गहना छनि। ओ मिथिलाक्षर केर संवर्धन एवं संरक्षण लेल एकरा दैनिक प्रयोग मे आनल जयबा पर बल देलनि। डा टुनटुन झा अचल संविधानक आठम अनुसूचीमे शामिल मैथिली कें एखन धरि राजकाजक भाषा केर रूप मे दर्जा नहि देल जयबा पर सवाल उठोलनि। समारोहमे कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालयक पूर्व कुलपति पं उपेंद्र झा, एम एल एस एम कालेजक पूर्व प्रधानाचार्य डा विद्यानाथ झा, रोसड़ा कालेजक प्रधानाचार्य डा घनश्याम राय आदि सेहो विचार रखलनि। एहि अवसर पर निवर्तमान सांसद डा गोपाल जी ठाकुर सेहो अपन उपस्थिति दर्ज कयलनि।
आगत अतिथि लोकनिक स्वागत करैत विद्यापति सेवा संस्थानक महासचिव डा बैद्यनाथ चौधरी बैजू कहलनि जे मांँ जानकी मिथिलाक लोकक रग-रग मे बसल छथि। मुदा ई सबसँ पैघ त्रासदी अछि जे मिथिलाक लोक कें आइयो डेग डेग पर मां जानकी जेकाँ अग्निपरीक्षाक दौर सँ गुजरय पड़ि रहल छनि। संस्थानक मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झाक संचालन मे आयोजित कार्यक्रममे डा ममता ठाकुर, डा सुषमा झा, अनुपमा मिश्र, पं कुंज बिहारी मिश्र, केदारनाथ मिश्र, रामबाबू झा, दुखी राम रसिया, नीरज कुमार झा, कन्हैया आदि गीत-संगीत केर स्वर लहरीक छटा जमिकऽ पसारलनि। ओतहि तबला पर हीरा कुमार झा, नाल पर भगवान बाबू, इलेक्ट्रॉनिक बैंजो पर पं इन्द्र कांत झा आदि अपन ओंगरी केर जादूक जमिकऽ प्रदर्शन कयलनि।
कार्यक्रम अंतर्गत डा सुषमा झा केर संयोजन मे आयोजित जानकी सम्मेलन मे सैकड़ाक संख्या मे मैथिलानी भाग लेलनि। जानकी नवमी कें वृहत पैमाने पर घर घर मनाओल जयबा पर रोहिणी झा उपयोगी विचार रखलनि। नीलम झा, ऋतु प्रज्ञा, प्रतिभा स्मृति आदि जानकी पर केंद्रित अपन रचनाक सस्वर पाठ कयलनि। एहि अवसर पर जानकी सम्मान सँ डा शीला कुमारी, मैथिली सेवी सम्मान सँ डा धर्मशीला गुप्ता, मिथिला शौर्य सम्मान सँ अभिषेक चंद्र झा सैनिक, मिथिला भूषण सम्मान सँ सुधीर कुमार मिश्र, डा सुषमा झा आ पुष्पा कुमारी कें सम्मानित कयल गेलनि। संगहि हैदराबाद मे आयोजित 21म अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन मे अपरिहार्य कारण सँ नहि पहुंँचि पाओल पं हरि नारायण ठाकुर, डा रामबाबू खेतान, पं विनय कुमार मिश्र, विक्रम बिहारी, अनुपमा मिश्र, पूनम मिश्रा आदि केँ मिथिला रत्न सम्मानोपाधि प्रदान कयल गेल। एकरा संगहि मांँ जानकी केर छवि पर केंद्रित मिथिला चित्रकला प्रतियोगिता मे सफल प्रतिभागी केँ सेहो प्रमाण पत्र प्रदान कयल गेल।
एहि सँ पहिले प्रातः कालीन बेला मे सभागार मे मांँ सीता केर प्रतिमाक प्राण प्रतिष्ठा कऽ शास्त्रीय विधि सँ पूजा-अर्चना कयल गेल। एकर यजमान डा अमलेन्दु शेखर पाठक बनलनि। पुरोहित केर रूप मे पं दधीचि केर उल्लेखनीय उपस्थिति रहलनि। पूजा अर्चनाक दौरान गंधर्व कुमार झा सस्वर वेद ध्वनि कयलनि। कार्यक्रम मे डा बुचरू पासवान, डा महेंद्र नारायण राम, प्रो जीवकांत मिश्र, प्रो विजय कांत झा, विनोद कुमार झा, प्रो चंद्रशेखर झा बूढ़ा भाई, दुर्गा नंद झा, डा गणेश कांत झा, डा उदय कांत मिश्र, डा रेणु चौधरी, सुनीता कुमारी, स्वर्णिम किरण, श्रद्धा श्रुति, सुधा झा, मुक्ति झा, आशीष चौधरी, पुरूषोत्तम वत्स, नवल किशोर झा, बालेंदु झा, मणिभूषण राजू आदि उपस्थित रहथि।

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