महाराजाधिराज लक्ष्मीश्वर सिंह संग्रहालय दरभंगा में ‘एक सर्वे आफ अर्ली मेडियेवल मिथिला बाई दि महाराजाधिराज लक्ष्मीश्वर सिंह संग्रहालय दरभंगा’ एवं ‘ मास्टरपीसेज आफ दि महाराजाधिराज लक्ष्मीश्वर सिंह संग्रहालय दरभंगा ‘नामक दू टा ब्राउसियर का लोकार्पण कयल गेल। एहि अवसर पर ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास विभाग के अध्यक्ष डॉ अयोध्या नाथ झा कहलथि कि मिथिला के सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण के लेल पछिला पचास साल सँ चिरप्रतीक्षित काजसबके पूरा कय डा शिव कुमार मिश्र अत्यंत सराहनीय काज कय रहल छथि।डा झा ने कहलथि कि आब मिथिला सँ प्रतिमा चोरी के घटना सबपर विराम लागि सकत कियैकि डकूमेंटेशन भय जेबाक कारण अंतरराष्ट्रीय तस्कर लोकनि के लेल एहिसब मूर्ति सबकें विश्वबाजार में खपेनाई संभव नहि होयत। बिहार विधान परिषद के परियोजना पदाधिकारी श्री भैरव लाल दास कहलथि कि ऐहने डकुमेंटेशन राज्य के विभिन्न थाना सब में जब्त कयल गेल मूर्त्ति, सिक्का आ अन्य धरोहर सबकें सेहो कयल जेबाक चाही ताकि लोकसमृद्धि के ओर इतिहास अध्येतालोकनि के ध्यान आकर्षित कयल जा सकय। ओ इहो कहलथि कि डकुमेंटेशन के क्रममे गाम सबके मंदिर परिसर,ब्रह्मस्थान, जीर्ण-शीर्ण मंदिर, गाछ सब के नीचा राखल गेल प्राचीन मूर्ति सबके सेहो समान महत्व देल जेबाक चाही।महाराजाधिराज लक्ष्मीश्वर सिंह संग्रहालय दरभंगा के संग्रहालयाध्यक्ष डा शिव कुमार मिश्र के नेतृत्व में मिथिला क्षेत्र के आमलोगों में अपने धरोहर के प्रति जागरूकता पैदा करबा लेल अभियान चलाओल गेल अछि जहिमें प्रशासनिक अधिकारी लोकनि के संग ही पुलिस अधिकारीगण आ पंचायत के मुखिया, सरपंच तथा पंचायत समिति के सदस्यलोकनि द्वारा भाग लेल गेल अछि। एहि तरह के कार्यक्रम संभवतः देश में पहिल बेर आयोजित कयल गेल अछि जकर साकारात्मक परिणाम के उदाहरण के रूप में ओझौल, लहेरियासराय के ग्रामीणलोकनि द्वारा संग्रहालय के सौंपल गेल विष्णु के कर्णाटकालीन प्रतिमा अछि। संग्रहालय के अध्यक्ष डॉ शिव कुमार मिश्र कहलथि कि मिथिला के वैशाली जिला सँ लय क मधेपुरा जिला सँ प्राप्त करीब सबा सौ प्रतिमा सबके प्रलेखन कयल गेल अछि एहिमें अधिकतर प्रतिमा हाल के दिन में विभिन्न स्थान सबपर पर कयल जा रहल सड़क निर्माण आ अन्य विकासात्मक गतिविधियों के लेल मिट्टी खुदाई के दौरान भेटल अछि। मिथिला क्षेत्र सँ अनेक दुर्लभ प्रतिमा के चोरी होइत रहैत अछि लेकिन डकुमेंटेशन के अभाव में हमसब कोनो प्रकारक दावा नै कय सकैत छलौं। डा. मिश्र कहलथि कि मिथिला के कला इतिहास के अध्येता लोकनि के लेल ई विवरणिका एक महत्वपूर्ण साधन के रूप में सिद्ध भय सकैत अछि। एहि मूर्ति सबके अलावा संग्रहालय के विभिन्न दुर्लभ कलावस्तुओं के सेहो एक अलग ब्राउसियर प्रकाशित कयल गेल अछि आ ओकर सेहो लोकार्पण कयल गेल अछि। कार्यक्रम में डा अवनीन्द्र कुमार झा, गणपति नाथ झा वैद्यजी,डा अशोक कुमार सिन्हा,श्रीमती नूपुर दत्ता ,डा सुशांत कुमार, चंद्र प्रकाश, आविष्कार तिवारी, आरुषि मेहरा ,अनुपमा दास संयुक्ता आचार्य,रत्नेश कुमार वर्मा, धर्मेन्द्र कुमार, संतोष कुमार, किरण देवी,राजेन्द्र राम आदि अनेक गणमान्य लोक भाग लेलथि। राज्य सरकार के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के वेबसाइट पर ई विवरणिका उपलब्ध अछि जहिसँ कि पूरा संसार के लोक मिथिला क सांस्कृतिक धरोहर के विषय में जानकारी देल जा सकैत अछि। ई ब्राउचर मैथिली साहित्य संस्थान के वेबसाइट पर सेहो उपलब्ध अछि जतय सँ नि:शुल्क डाउनलोड कयल जा सकैत अछि।