“निज भाषा केर ज्ञान लेल
मातृभूमि केर मान लेल
डेग सँ डेग मिलाबी
चलू! मैथिलीकें पाठशाला धरि पहुँचाबी” — दिलीप कुमार झा
एहि उद्गार संगहि आई बहत्तरम गणतंत्र दिवस के सुअवसर पर “जनगणना आ पाठशाला में मैथिली” हेतु समग्र आँदोलन आ अभियान के प्रारंभ कयल जा रहल अछि।
एहि क्रम में आई दिनभरि समस्त मीडिया के संग हमसब चर्चा करब संगहि दिन में 12 बजे सँ 2 बजे तक ट्विटर पर अपन आवाज बुलंद करब आ एकटा संयुक्त अभियान हेतु प्रयास करब जे एहि अभियान के जन-आँदोलन के रूप में परिवर्तित करत।
प्रारंभिक चरण में पाठशाला में मैथिली संघर्ष समिति, मिथिला विकास संघ, सुच्चा मैथिल संगहि मैथिल मंच के समस्त सदस्यगण एहि अभियान हेतु जनजागरण प्रारंभ करता आ आन समस्त संस्था आ राजनीतिक, गैरराजनीतिक दल सँ समन्वय स्थापित करता। आऊ एकटा अपील संग अपन समस्त मीडिया आ तंत्र सँ आई चर्चा करी आ अपन मांग केन्द्र सरकार तक पहुँचाबी कि आखिर संविधान द्वारा मान्यता प्रदत्त हमर मातृभाषाक कतेक दोहन करत ई मगहिया सरकार?
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गंगा, कोशी,कमला ,बागमती, धेमूरा करेह अधवारा सन कतेको छोट पैघ नदीक कछेरमे बसल पवित्र मिथिला भूमि अपन मीठगर ओ समृद्ध भाषाक लेल जानल जाइत अछि।मिथिलाक एकटा सुदीर्घ सांस्कृतिक परपंरा रहलैक अछि ।ताहि भूमिक भाषाक दिनानुदिन क्षरण भ’ रहलैक अछि से समाजक लेल चिंताक बिषय छैक।इएह बेर छैक जे हमसभ भाषाकें बचेबाक लेल आगाँआबी।मैथिली मिथिला,झारखंडसँ नेपाल धरिक विश्वविद्यालय,महाविद्यालयमे पढ़ायल जाइत अछि मुदा बिडंबना जे एतुका प्राथमिक कक्षामे एखनो मातृभाषाक पढ़ौनी नहि भ’ रहलैक अछि। संसार भरिक शिक्षा पद्धतिमे मे जे अधुनातन शोध भेल अछि से सभ शिक्षाविद् ओ शिक्षा मनोवैज्ञानिक ललोकनिक अभिमत छनि जे नेना लोकनिक शिक्षाक माध्यम मातृभाषाक हेबाक चाही।जे देश सभ आइ आर्थिक ओ सांस्कृतिक प्रगतिक अगिला पाँतीमे गनल जाइत अछि ओ अपन मातृभाषाक समुचित सम्मान दयै क’ आगाँ बढ़ल छथि।मातृभाषाक माध्यमसँ शिक्षा भेने नेना सभ सुलभतासँ अपन पोथी पढ़ि सकैत अछि। अक्षर ओ अंकक ज्ञान कम समयमे सिखि सकैत अछि।फेर आसानीसँ ओ दोसरो ढाषा सिखि लैत अछि।भारतबर्षक अनेक प्रदेशमे सेहो नेना सभकें मातृभाषाक माध्यमसँ शिक्षा देल जाइत छैक।मुदा मिथिलाक एहन दुर्भाग्य जे बिहारक सरकार मैथिली मातृभाषाक माध्यमसँ शिक्षा देब उचित नहि बुझैत अछि।कतेको सालसँ एतुका लोक एहिबातक माँग क’ रहल छथि।कएक बेर आन्दोलन भेल।न्यायालय धरि मामिला पहुँचल ,सरकारक लेखें धनिसन।एकबेर बिहार सरकार अपन आदेश-पत्र संख्या–सं7/एम-147/70 शि.529 दिनांक 12/9/1973 के माध्यमसँ मैथिली भाषी क्षेत्रमे वर्ग एकसँ आठ धरि मैथिली माध्यमसँ शिक्षा देबाक आदेश निर्गत कयल गेल छलै।एहि पत्रमे मैथिली भाषी क्षेत्रक रुपमे मुजप्फरपुर,सीतामढ़ी,वैशाली,दरभंगा,मधुबनी ,समस्तीपुर,बेगुसराय सहरसा,भागलपुर,पुर्णियां, कटिहार,मुंगेर ओ गोड्डा जिलाकें शामिल कयल गेल छल।बिहार सरकारक ई आदेश लागुओ भेल।पाठ्य-पुस्तक सेहो छापल गेल मुदा किछुए बर्षक बाद तरेतर मैथिली माध्यमसँ शिक्षा बन्न क’ देल गेल।किये बन्न क’ देल गेल से मिथिलवासी आइ धरि नहि बुझि सकलाह? डा.जयकान्त मिश्र बनाम बिहार सरकार C.W.J.C No.54 15 OF 1984 के मामिलाक निर्णयमे पटना उच्च न्यायालय सेहो मैथिली शिक्षाक लेल बिहार सरकारकें आदेश देने अछि।
कएक बेर आन्दोलन भेल।बेर -बेर सरकारकें स्मारपत्र समर्पित कयल गेल मुदा तकर किछुओ असरि नहि देखाइत अछि। जाहि तरहें अंग्रेजी शिक्षाक संजाल चतरि-पसरि रहल छैक किछु बर्षक बाद मैथिली लिखित रुपमे प्रचलनसँ बाहर भ’ जायत।जखने लिखित रुपमे खतम हैत भाषा स्वत:समाप्त भ’ जायत। बेर बड़ बर अनुकूल छैक एखन।मुदा बिनु संघर्षक कोनो अधिकार नहि भेटैत छैक।तें कविवर सीताराम झा लिखलनि-
अछि सलाइमे आगि बड़त की बिनु रगड़ने।पायब निज अधिकार की बिनु झगड़ने।
कोनो संस्कृतिक मरब,मनुक्खक मरब थिक।सभगोटा मिलि भाषाकें बचाउ।भाषा बचेबाक आब एकमात्र उपाय अछि मिथिला क्षेत्रमे पहिला वर्गसँ पाँचमा वर्ग धरि मैथिलीक माध्यमसँ शिक्षा देल जाय।छठम वर्गसँ दशम वर्ग धरि मातृभाषा मैथिली एकटा अनिवार्य बिषयक रुपमे पढ़ाओल जाय।
भारत सरकार चौंतिस बरखक पछाति नव शिक्षा नीति लायल अछि।नव शिक्षा नीति-२०२० मे प्रमुखतासँ कहल गेल अछि जे आब पहिला वर्गसँ पाँचमा वर्ग धरि मातृभाषाक माध्यमसँ शिक्षा देल जायत।नीति बनि गेल अछि तथापि मैथिलीक संग न्याय होयत ताहि ल’क’ हमसभ सशंकित छी।हमरा सभक जनप्रतिनिधि एखन धरि अपना भाषाक लेल बहुत संवेदनशील नहि रहलाह अछि।तथापि वर्तमान विधानसभाक गठनक समय बहुतो सदस्य मातृभाषामे शपथ लेलनि जे स्वागतयोग्य डेग अछि।हिनका लोकनिसँ जन सामान्यक उमेद बहुत बढ़ल अछि जे आब हमरा सभक मातृभाषा मैथिली उपेक्षाक चिरलंबित व्याधिसँ उबरि सकत।इएह समय छैक जे हमसब जागल रही।नव शिक्षा नीतिक कार्ययोजना बनब आरंभ भ’ गेल अछि।सम्पूर्ण देशमे २०२२-२३ सत्रसँ नव शिक्षा नीतिकअनुसार पढ़ाइ आरंभ होयत,से देखैत गाम -गामसँ सरकारकें पत्र लिखल जेबाक चाही।एतुका जनप्रनिधि,बुद्धिजीबी,किसान,मजदूर ,छात्र,शिक्षक सभगोटे सरकारकें एहि लेल पत्र लिखथि।गाम -गाममे गोष्ठी हुए। एहिअपीलक संग आउ सभ मिथिवासी मिलि क’ अपन मातृभाषाकें बचेबाक लेल आगाँ आबी।जे जतहि छी ओतहिसँ आवाज लगाबी।
एहि संग एकटा आर अपील जे 2021मे जनगणना होबय जा रहल अछि,सभगोटा मातृभाषाक कालममे निश्चितरुपसँ मैथिली दर्ज कराबी।
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सधन्यवाद!
पाठशालामे मैथिली संघर्ष समिति
मिथिला
अध्यक्ष:बेचन झा
संयोजक: प्रीतम कुमार निषाद
सहसंयोजक: दिलीप कुमार झा