जलमे प्रवाहित भेली धरती पुत्री माँ जानकी
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जानकी नवमी पर विद्यापति सेवा संस्थान केर तत्वावधानमे स्थापित जानकी केर प्रतिमाक विसर्जन शनिदिन दरभंगा शहरक ऐतिहासिक हराही पोखरिमे अगिला साल पुनर्आगमन केर कामना संग कयल गेल। एहिसँ पूर्व प्रातःकाल पुरोहित पं सोमेश्वर नाथ झा दधीचि यजमान डा अमलेन्दु शेखर पाठक सँ पूजन केर विधि संपन्न करोलनि। विसर्जनमे उपस्थित लोक माता जानकी केर आरती आ क्षमा प्रार्थना स्तुतिमे भाग लेलनि। सबहक बीच प्रसाद केर वितरण कयल गेल। पुरोहित मंत्रक संग कलश केर जल सँ सभ कें सिक्त कयलनि। धरतीपुत्री, जनक नंदिनी, भूमिजा, जनकसुता, धनुषधारिणी, सीता माता आदि नामक जयघोष संग मांँ जानकी केर जयकारा लगबैत सभ हराही पोखरि केर घाट धरि पहुंँचलाह। धूप-आरती केर पश्चात मंत्रक संग विसर्जन कयल गेल। तत्पश्चात जानकी केर आदमकद प्रतिमा कें जलाशय मे प्रवाहित कयल गेल।
मांँ जानकी केर प्रतिमा कें जलमे प्रवाहित करैत सकल विश्व केर कल्याण लेल प्रार्थना करैत विद्यापति सेवा संस्थानक महासचिव डा बैद्यनाथ चौधरी बैजू कहलनि जे मिथिला केर ई त्रासदी रहल अछि जे मांँ जानकी जेकाँ सभ मोड़ पर ओकरा अग्निपरीक्षा देबा लेल मजबूर होबर पड़ैत अछि आ शासन-प्रशासन केर लोक मिथिलावासी केर सहनशीलताक परीक्षा लेबा सँ बाज नहि अबैत छथि। जगत जननी सीता कें मिथिला राज्यक धरोहरि आ सांस्कृतिक प्रतीक बतबैत ओ कहलनि जे मिथिलाक संस्कृति, गौरव, कला आ मर्यादा केर विश्वमे अलग पहिचान रहैत आयल अछि। डा बैजू मिथिलाक सर्वांगीण विकास लेल पृथक मिथिला राज्य केर गठन कें जरूरी बतबैत मांँ जानकी सँ एकर यथाशीघ्र गठन लेल कामना कयलनि।
एहि अवसर पर संस्थानक स्वागत महासचिव प्रो जीवकांत मिश्र, मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झा, शोभायात्रा प्रभारी द्वय विनोद कुमार झा आ प्रो विजय कांत झा, प्रो.चंद्रशेखर झा बूढ़ा भाई, दुर्गा नंद झा, आशीष चौधरी, मणिभूषण राजू, अरुण सिंह, नवल किशोर झा, चंद्रकांत झा, चौधरी फूलकुमार राय, पुरूषोत्तम वत्स, रामाज्ञा झा आदि उपस्थित छलनि।