राष्ट्रवाद के जननी अछि मिथिला, सबगोटे मिलिकय राष्ट्रवाद के मजगुत करी आ BJP के वोट करी :: मणिभूषण ‘राजू’
मिथिला आदिकालहि सँ भारतवर्षक पोषक रहल अछि। वेदक रचना सँ प्रारंभ करी त अनेकों शास्त्र आ पुराणक रचना मिथिला में भेल अछि आ न्यायशास्त्र क जननी रहल अछि अपन मिथिला।
तक्षशिला के गौरव सँ लय क देशभरि में ज्ञान आ न्याय सँ संबंधित ज्ञान प्रामाणिक रूप सँ भेटैत रहल अछि। दक्षिण में केरल सँ लय क महाराष्ट्र , सौराष्ट्र, राजस्थान, मध्यप्रदेश, बंगाल ……देश के हरेक कोना में जतय कतौ राजतंत्र वा न्याय-व्यवस्था रहल ओतय अपन मिथिला के न्यायविद ही चुनल गेलाह। प्रथम शताब्दीक बाद के त प्रामाणिक इतिहास रहल अछि जे ज्ञान आ न्याय के क्षेत्र मे सतत मिथिला एकटा पोषक रहल अछि भारतवर्ष लेल। आजुक संविधान सेहो मूलरूपेण मिथिलाक याज्ञवल्क्य संहिता पर आधारित अछि ईहो प्रमाणित अछि।
ओईनवार वंशक शासन सँ पूर्व लगभग 50-60 वर्ष मिथिला अन्हार में छल आ 1947में आजादीक बाद अन्हार में रहल अछि। मुदा क्रमिक विकासक क्रम में 1998 के बाद आयल BJP के राष्ट्रवादी शासन में मिथिलाक पुनरुत्थान प्रारंभ भेल जे 2014 केर मोदी सरकार के एलाक बाद सँ सतत उत्थान पथ पर अग्रसर अछि।
सड़क व्यवस्था, शिक्षा व्यवस्था , कृषि व्यवस्था सँ लय क अपन संस्कृति आ सभ्यताक अनुपम विकास आ परिवर्तन दृष्टिगोचर भय रहल अछि मिथिला में।
550 सालक बाद अवध में रामक वापसी होई वा देशभरि में जानकीजी केर पूजन ..सब ए इ नव सरकार में फलित भेल अछि।
रेल यातायात, पलायन में कमी आ औद्योगिक रूप सँ सुदृढ़ मिथिलाक परिकल्पना केवल यैह राष्ट्रवादी सरकार केर अछि।
विदित होई कि अपनसबके मातृभाषा मैथिलीक संविधान केर अष्टम अनुसूची में एहि विचारक सरकार द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी द्वारा देल गेल छल।
मिथिलाक विकास वा मिथिलाक पुनर्स्थापना के परिकल्पना साकार करबाक एकमात्र रास्ता एहि राष्ट्रवादी सरकार के माध्यम सँ भय सकैत अछि।
तैं समस्त मैथिलजनसँ करबद्ध आग्रह अछि जे एहि बेर धर्मक निर्बाह करैत मिथिला समेत देशभरि में पुन: राष्ट्रवादी सरकार के चुनी आ एकबेर पुन: पूर्ण बहुमत सँ सरकार बनाबी।