Pt. Janardan Prasad Dwij :: पंडित ( डा . ) जनार्दन प्रसाद झा द्विज ( १९०५-१९६४)
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सन १९४८ में स्थापित पूर्णिया कॉलेज के प्रथम प्राचार्य थे – पंडित ( डा . ) जनार्दन प्रसाद झा द्विज जो अपने अंतिम समय ५ मई १९६४ तक वहीं रहे। ये निराला के बाद छायावादी कवी की कतार में सबसे पहले नजर आते थे . वे एक प्रसिद्ध कवी , कथाकार तथा आलोचक भी थे . उनकी कविताओं के दो संग्रह अनुभूति तथा अंतर्ध्वनि प्रसिद्धि प्राप्त कर चुके हैं . ‘किसलय’ , ‘मलिका’ , ‘मधुमयी’ तथा ‘मृदुदल’ द्विज की कहानियों का संग्रह हैं , जो अपने समय में हिंदी साहित्य जगत में धूम मचा दिया था . राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर अक्सर अपने मित्र पंडित झा से मिलने पूर्णिया कॉलेज आया करते थे और इस कॉलेज में ही राष्ट्रकवि दिनकर ने अपनी कृति ‘ रश्मिरथी ‘ की रचना की थी .