‘गीत नव दिश’ पुस्तक चर्चा :: लालदेव कामत

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प्रसिद्ध मंडल कमीशन जिंदाबाद गीत गायक श्री जयप्रकाश मंडल जीक जन्म समाजसेवी स्वर्गीय जोखाई मंडल आ स्वर्गीय होली देवी जीक घर छजना-मझौरा भाया-नरहिया थाना-लौकही जिला मधुबनी के 15 फरवरी 1962 केँ भेलनि। अर्थशास्त्र एम•ए• आ एल•एल•बी•, B.ed रहैत ओ नई दिशा शिक्षण संस्थान रानीगढ़ी(मझौरा) केर निदेशक छथि।1997 मेँ बिहार संगीत नाटक अकादमी पुरस्कारक संगे बहुतो रास सम्मान समयसँ हिनका भेटल छन्हि। हिंदी जगत मेँ हिनक लेखकीय क्षमताक लोहा मानल जाइत रहल। मातृभाषा मैथिलीक प्रति सेहो कमतर अनुराग नहिं, तेँ दुखनी दादी नाटक आ सद्य प्रकाशित गीत नव दिश (पद्यसंग्रह) लेल चर्चित भेलाह अछि‌। पल्लवी प्रकाशन निर्मली सँ 2019 मेँ प्रकाशित एहि 33 पृष्टक पोथीके आईएसबीएन प्राप्त भेल छैक। 50 टाका कीमतक एहि पोथी में सत्रह गोट मैथिली गीत पाठ रुपे विषय सूची में लागल अछि, जे सगर राति दीप जरय 29 जून 19 केँ कथा गोष्ठी में लोकार्पित भेल रहय। अधिवक्ता श्री मंडल जीक सुपुत्र आलोक कुमार जी अंगवस्त्र सँ सम्मान करैत जे ज्योति चाईल्ड केयर एकेडमी रानीगढ़ीक केरियर मेकर छथि, हुनको परिचय आखरि गता पर कवि महोदय देने छथि। पोथीक आवरण सज्जा भगवा रंग सँ मिलैत सुश्री पल्लवी मंडल साहित्यिक चित्रण केने छैक।जयप्रकाश बाबूक स्वर हुनक विरचित गीत तँ मिथिला विभूति स्मृति समारोह-हटनी मंच पर सुनने रही। प्रस्तुत एहि पुस्तिका में पहिल गीत; स्वागतगीत एहि तरहेँ अछि-:
स्वागत हो स्वीकार
अतिथि हमर
शबरी सिनेह
सुदामा चण्डुल
इयह एकटा उपहार
स्वागत हो स्वीकार
अतिथि हमार….।
दोसर शीर्षक उपराग के पाँती देखू:-
हम दइ छी उपराग
हे यौ समाजक लोक
जाति धरम अहाँ किए बनौलिऐ
जन-जन में अहाँ लड़ौलिऐ
केलिऐ केहेन ई खोज,
हे यौ समाजक लोक
हम दइ छी उपराग…..।
हिनक गीत-काव्यकधारा मान्य• डी•एल• मंडल जीक बैचारिक अन्त: प्रेरणा थीक। गीतकार आ कवि भाय जेपी• साहेब शांति व प्रेम स्वरूप समाज में अगुआ बनल रहैत सुधारबाक प्रयत्न करैत रहैत छैक। हिनका बैचारिक कथ्य मादे युवा गजलकार दीप नारायण विद्यार्थी आओर मैथिली गीत गायक डंगराहा के श्री मंडल जी मोबाइल नंबर 620434 2307 के अभिमत सेहो नीकै छैक। हरेक गीतनादमे मानवीय संवेदना परिलक्षित होयत, से मनन करैत काल मोन मानि जायत। गीतक लय कवित्वधारामे सेहो गावल जा सकैछ। से पाठकके भूल केतए भेल, जाति-धरम केर, पिया नौकरी, जेतय जातिक नहि, बाढ़ि सुखार सँ, चुपू यौ बौआ, सगर राति, छौरा मारैय मुक्का, बिनु आगि जरि, जल्दी-जल्दी लिखियौ, मोर बिहार, मिथिलावासी, सभकेँ शिक्षा, अंगना निपल आओर हमरलाल शीर्षक गीत मोन माहि लेत। एहि पुस्तिकाक उपयोगिता मंचीय गायक लेल तेँ अछिये बरु मैथिलीक अक्षय भंडारके भरबामे सेहो एकटा उठाबोल गेल डेग मानल जायत। संगीत मानवीय जीवनमे आयल तनावके सेहो कम करैत छैक तेँ एहिक उपादेय आजुक कोरोना संकटकालीन समयमें आरो बेशी भ’ गेलैक से हमर मोन मानैत य। हम आश करैत छी मण्डल जीक दोसरो रचना शिघ्र पाठक बीच आबैक। गीतक स्वरलहरि सनुय लेल आगू सँ चाहब जे वीडियो बनि पाठक वर्ग लग जाई, से सेहन्ता भ’ रहल हन।

Imageलालदेव कामत
स्वतंत्र पत्रकार एवं लेखक

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