सूर्य (भास्कर) मंडिल: परसाधाम – लालदेव कामत
मिथिलांचलक हृदयस्थली मधुबनी जिलाक – झंझारपुर सबडिवीजन सँ 12 किमी० पूरब भाग एन०एच – 57 सँ 2 किलोमीटर दक्षिण परसा गाँव मे अछि ई सूर्य मंडिल। ओहि परिसर मेँ पूब सँ ईनार आ दक्षिण संँ एम०एल० मंडलजीक कोश संँ निर्मित सामुदायिक दलान। सरकारी पाठशालाक मकान छठि महापर्वक अवसर पर धर्मशाला रूपे प्रयोग मेँ आनल जाईछ। सवसँ पश्चिम पैघ पोखरि छैक, जकर घाट पक्का बनल छैक। अगल-बगल में चापाकल आ बोरवेल छैक।
पछिला 8 साल सँ एतय पर्यटन विभाग सरकारी खर्च सँ मार्तण्ड महोत्सव केँ पैघ आयोजन करैत अछि। आब ई राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित परसाधाम भ गेल अछि। एतय तत्कालिन मुख्यमंत्री स्व० डॉ जगन्नाथ मिश्र बिहार के करकमल सँ नम्हर आकर्षक मंडिल बनावल गेल छैक। 11 फरवरी 1983 में शिव राति’क दिन महादलित दौसन मलिक घर लग सुअरक खोभरि कात मटिखोदहा में सँ लोक गीलका माँटि कोरति रहथि। आकि भगवानक माथेपर कोदारीक छह लागल । कनेक जे ओ कारी खट खट पाथर कटलैक से ओही समयक थालेपानिसँ साटल गेल विशाल पाथर जाहिपर अनेक देवताक चित्र उकेरल अछि , उखारल गेल । ओतय सँ बाहर कय सुरक्षाक दृष्टिकोण सँ ग्रामीण विभूति प्रसाद सिंह ओहिठाम राखल गेल जतय पूजा शुरू भेलैक । जनतब देल गेल जे मोती मलिक (डोम) अपना सुअर लेल एकटा खोभारी बनेलक ताहि में जानवर ढ़ुकेलक । राति भरी में सब सूअर मरि गेल। ई घटना जे सुनलक गोआँ घरुआ सब हतप्रभ रहि गेल । सब सुनयबाला के दुर- दुर धरि ई एकटा पहेली बुझाइत छलै। एक दिन ओही खोपड़ी लग श्री मालिक जी रोशनी देखलनि । ई बात अपना समाजक लोकके बीच चर्चा कयल। रात्रिक बेला में किछु गोटय कने हटिकए ठाढ़ होयत गेलाह । सबके सभ रोशनी बहराइत अपन चशम सँ देखलक। जखन सभकेओ आगू बढ़ैत गेलाहतँ ओ प्रकाश मधिम होइत रहल, लग गेलापर बिला गेलैक। उपस्थित जन समुदाय एकरा दैवीय चमत्कार बूझलनि।
सर्वप्रथम माटि काटैक दौरान मलिक केँ सूर्य प्रतिमा दर्शन देलक। बहुत रास लोक जुमी गेलैक आ पवित्र भाव सँ ओहिमें सँ निकालि अष्ठयाम शुरुह केलनि। ओतय सँ महादलित समाज के थोड़ेक दूरी पर हटाकय बसावल गेल। सात अश्व बाला रथ पर भगवान भास्कर केऽ मूर्ति विशाल आ अद्वितीय छैक । चारि फीटक कारी शिलाखंड पर बेशाल्ट पाथर सँ बनल सूर्य देवताक माथ पर टोपी जँका मूकूट, पैर में कुशान कालीन जूता दुनू हाथ में नाव युक्त कमल , देह में जनेऊ, डाँर में तरूआरि छैनि । मूर्तिक एकदिश पत्निक संग बरूण देवता दोसर दिस कुवेर छैक । रथके सतह पर एकटा आरो रथ जाहि पर आदि देव गणेशजी के चिन्ही सकैत छी। कारी साँप छनि डकहर आ घोड़ा पर सबार हाथी अत्यन्त सुन्दर लगैछ। एतय बारहों मास श्रद्धालु भक्तक आगमन होइत रहैत अछि। सरकारी पुजारी पंडित श्रीराम मिश्र के कोशी संदेश (मैथिली पत्रिका) क अंक दैत संस्थाक भ्रमणशीलजत्थाक संग एहि विराट मंडिलक बारे में किछु संक्षिप्त जानकारी भेटल। एहिक पुरातात्विक दृष्टि सँ अध्ययन आ जनतबक खगौट अछि।
लालदेव कामत
प्रवक्ता – मिथिलांचल कोशी विकास समिति हटनी (घोघरडीहा)
सह प्रभारी विधानसभा फुलपरास -भाजपा
7631390761