Vardhmaneshwarnath Mahadev, Dekuli :: वर्धमानेश्वर नाथ महादेव, देकुली
बाबा वर्द्धमानेश्वर नाथ महादेव, मिथिलाक प्राचीनतम आ प्रसिद्ध ऐतिहासिक शिवलिंग अछि जे मिथिलाक दरभंगा जिला मुख्यालय स 3-4 किलोमीटर पूब-दक्षिण, दरभंगा-बहेड़ी मुख्य बाटक कछेर में स्थित मिथिलाक राजधानी आ कवि कोकिल विद्यापतिक कर्मभूमि देवकुली(वर्तमान देकुली) गांव में छैथि। ई शिवलिंग मिथिलाक प्रसिद्ध महाराजा शिवसिंह के नवरत्न मे सँ एक वर्द्धमान उपाध्याय के द्वारा उद्घाटित अछि। ताहि कारने हिनक नामकरण हुनके नाम स भेल अछि। एहि गाम में 14वीं शताब्दी में महाराजा देवसिंह मिथिलाक राजधानी ओईनी स स्थानांतरण क क अनने रहैथ। जाहि ठाम कवि कोकिल विद्यापति के महाराजा शिवसिंह संगे नेनपन बितलैन।
म म पंडित परमेश्वर झा रचित “मिथिला तत्वविमर्श” में वर्णन भेटैत अछि जे, ई महादेव वर्द्धमान उपाध्याय द्वारा स्थापित छैथि। एहि मंदिरमे शिवलिंग के अलावे गणेश, दुर्गा आ सूर्यक प्रतिमा सहित बसहा व आन प्रस्तर खंड सब सेहो स्थापित अछि। प्रतिमा सहित ई सब पुरावशेष कर्णाटकालीन दृष्टिगत होईत अछि जे गामक दक्षिण दिसा में स्थित पतोरिया पोखरि के उड़ाहीक(लगभग 1906ई०) क्रम में ओकर उत्तरवारी भीड़ स भेटल छल। एहि उड़ाहीकरण के तारीखक पुष्टि पतोरिया पोखरि अभिलेख(पं. भवनाथ झा द्वारा मिथिला भारती में वर्णित) के अध्ययन सँ होईत अछि। एहि पोखरि के बगल के जमीन सँ लगभग 60 वर्ष पूर्व एकटा नम्हर घंटा मैंट कोरई काल भेटल छल जे वर्तमान समय में कबिलपुर गामक राम-जानकी मंदिर में अछि।
एकटा अन्य पुरातात्त्विक खोज आ अध्ययन सँ पता चलैत अछि कि एहिठाम पाँचम-छठम शताब्दीक बलुआ पाथर सँ बनल खंडित महात्मा बुद्ध के मूर्ति भेटल छल। पोखरिक उड़ाहीक क्रम में बहुतरास स्तंभखंड आदि भेटल छल जे कि एखनतक किछु ग्रामीण लोकनि सब अपना घर में धयने छैथि। ग्रामीण लोकनि के अनुसार गामहि में एकठाम स चाँदी के लगभग 4-5 किलोक एकटा गोलाकार वस्तु भेटल छल। ग्रामीण राधाकृष्ण झा के मकानक शौचालय निर्माण के क्रम में प्राचीन ईंट के देवालक संग बहुतरास हड्डीक अवशेष भेटल छल। लगभग 50 वर्ष पूर्व ग्रामीण मिश्री पासवान के घरक लग स छोट सन शिवलिंग भेटल छल जे आई गामक दक्षिण में मंदिर बनाकय स्थापित कयल गेल अछि। वर्ष 2016 के जनवरी मास में ग्रामीण जीतू पासवान के ओतय टैंक निर्माण के क्रम में 15 फीट खुदाई पर प्राचीन ईंट सबके अवशेष भेटल छल आ हुनके ओतय शौचालय निर्माण के क्रम में 5-6 फीट मोटगर देवाल भेटल छल जे गामक दक्षिणी किलाबंदीक अवशेष अछि जेकर प्राचीनता 2000 वर्ष धैरि भ सकैत अछि। पश्चिमी किलाबंदीक अवशेष ग्रामीण स्व. लक्ष्मीनाथ झा आ श्री शत्रुघ्न झा के घर लग माटि खोदला सँ देखल जा सकैत अछि। 11 मई 2018 ई. के ग्रामीण मिश्री पासवान के ओतय स मैंट कोरबाक क्रम में बलुआ पत्थर सँ बनल चारिम-पाँचम शताब्दीक शिवलिंग भेटल छल जे वर्तमान में दरभंगा जिलाक महाराजाधिराज लक्ष्मीश्वर सिंह संग्रहालय में प्रदर्शित अछि। ग्रामीण के अनुसार कृष्णा मंगला नदी एहि गाम के चारू कात सँ घेरने छल जकर चर्चा सोलहम शताब्दीक मानचित्र में देल गेल अछि।
मैथिल मंच के अध्यक्ष मणिभूषण ‘राजू’ एतय विधिवत पूजा अर्चना कयलाह आ एतय शिव ताँडव स्तोत्र के पाठ कयलन्हि जकर लिंक अछि :-
मुरारी कुमार झा
पुरातत्व