JAGAT जगति गाम : एक परिचय

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जगति गाम : एक परिचय

 

जगति किंवा जगत गाम मिथिलाक मधुबनी जिलान्तर्गत जरैल परगना आ बेनीपट्टी प्रखंडमे बेनीपट्टीसँ सटले पच्छिम आ प्रसिद्ध उच्चैठ स्थानसँ सटले पूब-दच्छिनक कोन्हमे अवस्थित अछि आ बेनीपट्टी अंचलक अधीन पूर्ण राजस्व ग्राम अछि। गामक पूब बेहटा ओ बेनीपट्टी, पच्छिम बेतौना ओ उच्चैठ, उत्तर बेनीपट्टी ओ उच्चैठ तथा दच्छिन एराजी जगत ओ कछरा मौजे पड़ैत अछि। एकर रकबा लगभग साढ़े तीन सय बीघाक अछि। मुदा गामक लोक एहिसँ बहुत बेसी जोतै छथि आ लग पासक बेनीपट्टी, बेहटा, उच्चैठ, बेतौना आदि मौजेमे बेस जमीन रखने छथि।

Imageसरकारी आँकड़ाक हिसाबे एहि गामक रकबा 120•26 हेक्टेयर अछि। 2011 केर जनगणनाक अनुसार गामक जनसंख्या 2030 अछि जाहिमे 1086 पुरुष ओ 944 स्त्रीगण छथि। 32 प्रतिशत काजुल लोकक एहि गाममे 54 प्रतिशत लोक साक्षर अछि। गाममे 372 गोट परिवारक संख्या सरकारी रजिस्टरमे दर्ज अछि। तथ्य ईहो अछि जे गामक दू तेहाइ लोक नोकरी- चाकरी करैत बहरिया छथि आ स्वाभाविक रूपें ओ सभ सरकारी आँकड़ामे सम्मिलित नहि हेताह।

पंचायती राजव्यवस्थामे पहिने एही गामक नाम पर पंचायत छलै। माने ‘जगत पंचायत’ आ एहिमे कछरा, बनकट्टा आ उड़ेन गाम सम्मिलित छल। मुदा 2001 सालमे भेल नवका परिसीमन आ पंचायती चुनाओमे गाम बेहटा पंचायतक अधीन आबि गेल।

मैथिलीक स्वर-भंगिमाक विशेषताक अनुसारे गामक नामक उच्चारण जगति किंवा जगैत कएल जाइत अछि। सरकारी कागजातमे जगत नाम दर्ज अछि। जगत गामक नामकरणक संबंधमे कए टा अनुमान अछि। जेना जगत शब्द केर एकटा अर्थ इनारक चारू भागक चबुतरा होइछ। एहि गामक भूगोल पर ध्यान दी तऽ वास भूमिक बाद जतेक जमीन अछि से बहुत नीचाँ अछि आ सभ साल बाढ़िसँ भरल रहैत अछि। तऽ गामक वास भेल इनारक जगत। ‘जगत’ आ ‘जगती’ एहि दुनू शब्दक एकटा बेस प्रचलित अर्थ अछि संसार। मुदा एहि अर्थमे गामक नामकरण सटीक नहि लगैत अछि। जगत नामक कोनो व्यक्तिक नाम पर यदि गामक नाम रहैत तऽ ‘जगत’ शब्दक संगे ‘पुर’, ‘नगर’, ‘पट्टी’ आदि सेहो जोड़ल रहैत। अस्तु, कोनो व्यक्तिक नाम पर सेहो एहि गामक नाम नहि भऽ सकैछ। सामवेदमे ‘जगती’ नामे एकटा छन्द अछि। मुदा गाममे सामवेदी डीही नहि छथि। हँ, यदि शब्द-विकासक क्रम —
1) “यज्ञ यत:” — “जग जत:” – “जगत” किंवा
2) “यज्ञस्थल” — “जग थल” — “जगथ” — “जगत” केर सिद्धांत मानी तऽ से बेसी ठीक लगैत अछि। कारण, उच्चैठक कालिदासक डीह पर जे गुरुकुल छल तकर एकटा शाखा एहि गामक धरहर नामक स्थानमे छल। गुरुकुलक एहि शाखामे नित्य हवन आ यज्ञ केर आयोजन सामान्य बात रहल होयत।

किछु ग्रामीणमे एकटा अवधारणा ईहो अछि जे वर्तमान गाम पहिने कालिदासक डीह लग डीहगाछी वला जगह पर अवस्थित छल। बाढ़िक प्रकोपेँ गाममे कटाओ होबय लगलै आ तैं सुरक्षाक हेतु लोक अपन वास एहि ठाम लए अनलक। मुदा ई एहिठामक वासीक मादें अनुमान भेल। गाम तऽ पहिनहिसँ अछि। आ से गामक कनिके अवलोकन केला सँ स्पष्ट भऽ जाइत अछि।

गामक पच्छिम मुख्य सड़कक कातमे स्थित अछि ऐतिहासिक ओ पुरातात्विक स्थल “धरहर” जे “धरोहर” शब्दक अपभ्रंश अछि। ई नामे एहि स्थलक महत्व दिस संकेत कए दैत अछि। साठिक दशकमे बिहारक राज्यपाल आ पुरातत्वक क्षेत्रीय निदेशक कालिदासक डीह भ्रमण करबाक क्रममे एहू ठामक अवलोकन केने छलाह आ एहि स्थलकें ऐतिहासिक मानैत एकरा कालिदासक डीहसँ संबद्ध होएबाक संभावना व्यक्त केने छलाह। एकर रकबा अनुमानतः दू बीघासँ बेसिये होएत। एकर एक भाग कनी बेसी ऊँच छल। एहि उँचगर भागक नीचाँ कोनो पुरान भवनक अवशेष पड़ल अछि। एकरा तऽर सँ अपेक्षाकृत बेसी चाकर, नाम आ पातर पजेबा उखड़ैत रहल अछि। एकरे नजदीक अस्सीक दशकमे एगो पंचायत भवन सेहो बनल छल जकरा खोजब आब कठिन अछि। पहिने तऽ एहि स्थानक किछुए भाग अतिक्रमित छल, मुदा आब तऽ लगभग सम्पूर्ण भाग अतिक्रमित भए चुकल अछि।

Imageधरहरक दच्छिन- पच्छिम कोन्ह पर महादेव मन्दिर अछि। एहि महादेवक नाम जागेश्वरनाथ छनि। ई मन्दिर प्राय: 100 बर्ख पुरान अछि। ताहिसँ पहिने एहि जगह पर फूसक घर छल आ भोलाबाबा एहीमे स्थापित छलाह। वर्तमान मन्दिर एकटा बाबाजी बनबओने छलाह। कहल जाइछ जे मन्दिर बना ओ कतहु अन्यत्र चलि गेलाह। एहि मन्दिरसँ सटले उत्तर एकटा बजरंगवलीक मन्दिर गामहिक निरसन कामत ओ बेनासी देवी बनबओने छथि। महादेव मन्दिरक परिसर लगभग 2 कट्ठाक अछि। ग्रामीण सभक द्वारा कएक गोट सन्यासीकें पुजेगरीक रूपमे आनल गेल, मुदा केओ टिकल नहि। अन्ततः देउरीक सन्यासी रघुनाथ गिरिकेँ आनल गेल आ ओ एहि ठाम टिकलाह। हुनकर बेटा लोकनि तऽ आब एहि गामक वासिए भए गेलाह। ई शिवलिंग एहि मन्दिरसँ कनिके पच्छिम एगो खेतमे उखड़ल छलाह। गाममे एकटा आओर नवका मन्दिर सामूहिक रूपें उतरबारि टोलमे बनल अछि बजरंगवलीक।

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गामक रक्षक ब्रह्म बाबा पुबारि टोलक सटले दच्छिन भाग एकटा पुरान पाकड़ि तर अवस्थित छथि।

गाममे मुख्य रूपें बेलौंचे ओझौल, सकिलबार ततैल आ पगुलबार मूलक ब्राह्मण छथि। विभिन्न मूलक भगिनमान सभक संख्या सेहो कम नहि, ताहिमे ठाकुर पट्टी प्रमुख। गोआर, केओट ओ मलाहक सेहो नीक संख्या अछि। हजाम सेहो दू घर अछि।

ई गाम अदौसँ दाहरसँ पीड़ित रहल अछि। अस्तु, गामक अधिकांश लोक नोकरी करै छथि। ओना बहरिया किछु लोक व्यवसायमे सेहो अपन नीक स्थिति बनओने छथि। मुदा गाम पर रहनिहारक मुख्य काज खेती आ किछु-किछु पशुपालन अछि।

गाममे बहुत दिनसँ जन्माष्टमीक मेला लगैत अछि। ई मेला महादेव मन्दिरक प्रांगणमे लगैत रहल अछि। एही ठाम भगवान बनैत छथि आ हुनकर पूजा होइत छनि। सरस्वती पूजा पहिने चटिया लोकनि व्यक्तिगत रूपें अपन दरबज्जा पर किंवा दुइ – चारि गोटे मीलि करैत जाइ छलाह। चौधरी टोलमे पूरा टोल मीलि पूजा आयोजित होइत छल। किन्तु आब पूरा गाम मीलि पूजा आयोजित होइत अछि। यंग स्टार क्लब द्वारा 1996 मे दस-बारह गोटेसँ आरम्भ भेल पूजा आब सौँसे गामक सरस्वती पूजा भए गेल अछि। आब नवमे बजरंगवलीक नवका मन्दिर पर महावीरी झंडा होइत अछि आ मेला लगैत अछि।

नवयुवक समिति द्वारा पहिने नाटकक नियमित मंचन होइत छल। मुदा पछिला कैयेक बर्खसँ मंचन नहि भऽ रहल अछि।

गाममे मात्र एगो प्राथमिक विद्यालय अछि। आगाँक पढ़नाइ लेल चटिया बेनीपट्टी आ उच्चैठ पर निर्भर अछि।

गाम चौक संस्कृतिसँ एखन धरि बाँचल अछि। तकर कारण लगमे अवस्थित बेनीपट्टी आ उच्चैठ स्थान अछि।

गामक प्रसिद्ध लोकमे डाक्टर महेश ठाकुर (वैज्ञानिक) आ योगेन्द्र झा (बी डी ओ साहेब)क नाम लेल जा सकैए। ई दुनू आब एहि लोकमे नै छथि।

मिथिलेश कुमार झा
जगत, बेनीपट्टी
वर्तमान : कलकत्ता
E-mail : mithileshjha1970@gmail.com


3 Comments

  1. At very first I want forgiveness from all of us that I am writing comments in foreign language as I can’t develop hindi software .I want to give thanks to developers of this website. I don’t know more English but there is no way out of this.I became happy after knowing about the historical importance of our village JAGAT.I am fortunate to have birth in such a village where such eminent, talented people have shown their intellectual in different walks of our lives as Mithilesh has stated.I ever pray to my Goddess DURGA VAGWATI to provide strenth to show the path of wisdom ,skill and humanism to others.
    With best wishes
    Shakti nath jha
    Ma bed tet
    NARAYANA group of schools
    Shaktikumar2240@gmail. com

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